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राज्यसभा में सांसदों के बीच हाथापाई


सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में रिजर्वेशन के लिए संविधान संशोधन बिल को लेकर राज्यसभा बुधवार को समाजवादी पार्टी और बीएसपी के सांसदों के बीच अखाड़े में तब्दील हो गई। बेल की तरफ बढ़ रहे एसपी के सांसद नरेश अग्रवाल को बीएसपी सांसद अवतार सिंह ने रोकने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों में धक्का-मुक्की और हाथापाई हो गई। सांसदों की हाथापाई के बीच सरकार ने राज्यसभा में संविधान संशोधन बिल पेश कर दिया।

दोपहर 12 बजे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो प्रमोशन में आरक्षण का सपोर्ट कर रही बीएसपी और विरोध कर रही समाजवादी पार्टी के सांसद उलझ गए। हंगामे के बीच सरकार ने बिल पेश कर दिया और उसके बाद सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 2 बजे तक के लिए फिर गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस मुद्दे पर लोकसभा में भी जमकर हंगामा हुआ और हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही भी गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

नरेश अग्रवाल का कहना है कि वह केवल अपनी बात कहने के लिए वेल की तरफ जा रहे थे, इसी दौरान बीएसपी सांसदों ने उनका रास्ता रोक लिया। समाजवादी पार्टी के सांसद का कहना है कि वह इसकी शिकायत विशेषाधिकार समिति से करेंगे।

समाजवादी पार्टी और बीएसपी दोनों की ही नजर अगले लोकसभा चुनाव पर है। दोनों ही सरकार के इस कदम को उत्तर प्रदेश में राजनीतिक ध्रुवीकरण के रूप में देख रहे हैं। देश के इस सबसे बड़े राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी जहां लगभग 21 फीसद है, वहीं ओबीसी की संख्या 45 फीसद से ज्यादा है। सवर्ण और अल्पसंख्यक मतदाता भी इसके खिलाफ हैं। लिहाजा समाजवादी पार्टी इस विरोध के जरिए बड़ा वर्ग अपने साध खड़ा करने की कोशिश में है।

कांग्रेस को लग रहा है कि इस बिल के जरिए जहां दलित वोटों का उसे फायदा होगा, वहीं कोयला घोटाला से भी लोगों का ध्यान हटेगा। हालांकि, पार्टी के एक हलके में इस बात को लेकर चिंता भी जताई जा रही है कि ओबीसी और मिडिल क्लास वोटरों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है कि वी. हनुमंत राव और पार्टी के दूसरे ओबीसी नेताओं ने मौजूदा बिल में ओबीसी से जुड़े प्रावधान शामिल करने की मांग कर दी है।
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