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कोलवार: विपक्ष से दो-दो हाथ करने को तैयार मनमोहन....


सरकार ने कोयले पर संसद में जारी गतिरोध खत्म करने के लिए सभी 142 कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द करने की भाजपा की ताजा मांग ठुकरा दी है। साथ ही सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच की विपक्ष की मांग को भी नकार दिया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कह दिया है कि फौरी तौर पर कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द नहीं होगा। पीएम ने इस दो टूक इनकार से साफ कर दिया है कि वह विपक्ष के सामने किसी भी सूरत में झुकने की बजाय दो दो हाथ करने को तैयार हैं।

महासंग्राम थमने की बजाय और गंभीर
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी कहा है कि सरकार भाजपा की कोई भी मांग नहीं मानेगी। इस बीच, भाजपा ने साफ कर दिया है कि सरकार जब तक उसकी दोनों नई शर्तें नहीं मान लेती वह संसद में बहस नहीं होने देगी। सरकार और विपक्ष के कड़े तेवरों के बाद कोयले पर संसद से सड़क तक जारी महासंग्राम थमने की बजाय और गंभीर हो गया है।

सरकार ने इरादे जाहिर कर दिए
विपक्ष की मांग के सामने नहीं झुकने और इसे खारिज करने के लिए सरकार ने सोमवार को बाकायदा अपने मंत्रियों की फौज को मैदान में उतरा। इतना ही नहीं शाम होते-होत खुद पीएमओ की ओर से सभी 142 कोल ब्लॉक आवंटन रद्द नहीं करने के सरकार के इरादे को जाहिर कर दिया गया। पीएमओ सूत्रों ने पीएम की अपने कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के साथ हुई चर्चा का हवाला देते हुए बताया कि मनमोहन सिंह ने मंत्रियों से साफ कहा है कि कोल ब्लॉकों का आवंटन तुरंत रद्द करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। समझा जाता है कि पीएम के इस रुख को देखते हुए ही केंद्रीय मंत्रियों की फौज ने एक सुर में भाजपा की इस मांग को अव्यवहारिक करार दिया है।

मनमाने ढंग से नहीं किया जा सकता
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने साफ कह दिया है कि 2004 के बाद के सभी 142 कोयला खदानों के आवंटन रद्द नहीं किए जा सकते। यह काम मनमाने ढंग से नहीं किया जा सकता। इस मुद्दे पर अंतर मंत्रालयी समूह विचार कर रहा है और वह 15 सितंबर तक अपनी सिफारिशें दे देगा। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने भी साफ कर दिया कि सरकार को विपक्ष की सभी कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने की मांग स्वीकार नहीं है। उनका कहना था कि बिना प्रक्रिया के आनन-फानन में इस तरह का कोई फैसला नहीं किया जा सकता। जायसवाल ने यह जरूर कहा कि उन 58 कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया 15 सितंबर तक जरूर शुरू हो जाएगी, जिनमें काम शुरू नहीं किया गया है या जो गलत दस्तावेज देकर आवंटित कराए गए हैं।
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल ने भी आवंटन रद्द करने की संभावना से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा इस नाजायज मांग को लेकर संसद की कार्यवाही ठप कर रही है, जबकि 70 फीसदी सांसद संसद में बहस चाहते हैं।

न्यायिक जांच का औचित्य नहीं : चिदंबरम
चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में कोल ब्लॉक आवंटन की न्यायिक जांच की मांग को भी खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि सीबीआई आपराधिक मामले की जांच कर रही है, जबकि प्रशासनिक मसलों को अंतर मंत्रालयी समूह देख रहा है। ऐसे में न्यायिक जांच की मांग का कोई औचित्य नहीं है। न्यायिक जांच की मांग सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, वामदलों और टीडीपी ने की थी। प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को चिदंबरम ने आश्चर्यजनक करार दिया। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वह संसद में चर्चा के लिए तैयार हो।
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