मुंबई। अन्ना हजारे ने एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि यदि कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी को कथित तौर पर एक महिला के साथ आपत्तिजनक मुद्रा में दिखाने वाली सीडी के मामले में दोषी पाया जाता है तो उन्हें फांसी दे देना चाहिए। हजारे ने आज शाम यहां एक संवाददाता के सवाल पर कहा कि यदि सिंघवी को दोषी पाया जाता है तो उन्हें फांसी दे देनी चाहिए।
हजारे फिलहाल महाराष्ट्र में मजबूत लोकायुक्त कानून के लिए अपने अभियान के तहत राज्य के दौरे पर निकले हुए हैं। सिंघवी ने सीडी विवाद के सामने आने के बाद पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था हालांकि उनका कहना था कि सीडी फर्जी है। हजारे ने यह भी कहा कि मजबूत लोकपाल आने से भ्रष्ट अफसरों को जेल जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों को सरकारी वेबसाइट पर अपनी संपत्तियों का खुलासा करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
हाल में कथित सीडी विवाद के कारण सुर्खियों में आये कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी को 22 मई तक राज्यसभा में नहीं आने की छूट मिल गयी है। उन्होंने बीमारी और पारिवारिक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए अवकाश मांगा था। पीठासीन अध्यक्ष पी जे कुरियन ने आज सदन में घोषणा की कि सिंघवी ने 24 अप्रैल से 22 मई तक सदन में नहीं आने के बारे में सूचित किया था।
सिंघवी को इस अवधि के दौरान अवकाश पर रहने के लिए ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। उल्लेखनीय है कि कथित सीडी विवाद के कारण सुर्खियों में आने के बाद सिंघवी ने संसद की एक स्थायी समिति के अध्यक्ष पद तथा कांग्रेस के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था। उसी के बाद से वह सदन में नहीं दिखायी दे रहे थे।
कुरियन ने कांग्रेस सदस्य टी सुब्बीरामी रेड्डी के उस पत्र का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने 25 अप्रैल से 22 मई तक सदन से अनुपस्थित रहने की जानकारी दी थी। सदन ने उन्हें इस अवधि के दौरान अवकाश पर रहने की ध्वनिमत से अनुमति प्रदान कर दी।
हजारे फिलहाल महाराष्ट्र में मजबूत लोकायुक्त कानून के लिए अपने अभियान के तहत राज्य के दौरे पर निकले हुए हैं। सिंघवी ने सीडी विवाद के सामने आने के बाद पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था हालांकि उनका कहना था कि सीडी फर्जी है। हजारे ने यह भी कहा कि मजबूत लोकपाल आने से भ्रष्ट अफसरों को जेल जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों को सरकारी वेबसाइट पर अपनी संपत्तियों का खुलासा करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
हाल में कथित सीडी विवाद के कारण सुर्खियों में आये कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी को 22 मई तक राज्यसभा में नहीं आने की छूट मिल गयी है। उन्होंने बीमारी और पारिवारिक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए अवकाश मांगा था। पीठासीन अध्यक्ष पी जे कुरियन ने आज सदन में घोषणा की कि सिंघवी ने 24 अप्रैल से 22 मई तक सदन में नहीं आने के बारे में सूचित किया था।
सिंघवी को इस अवधि के दौरान अवकाश पर रहने के लिए ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। उल्लेखनीय है कि कथित सीडी विवाद के कारण सुर्खियों में आने के बाद सिंघवी ने संसद की एक स्थायी समिति के अध्यक्ष पद तथा कांग्रेस के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था। उसी के बाद से वह सदन में नहीं दिखायी दे रहे थे।
कुरियन ने कांग्रेस सदस्य टी सुब्बीरामी रेड्डी के उस पत्र का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने 25 अप्रैल से 22 मई तक सदन से अनुपस्थित रहने की जानकारी दी थी। सदन ने उन्हें इस अवधि के दौरान अवकाश पर रहने की ध्वनिमत से अनुमति प्रदान कर दी।