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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

कांग्रेसी नेता के दबाव में अन्ना समर्थक ने की खुदकुशी

हरियाणा के सिवानी में एक कांग्रेसी नेता के दबाव में युवा समाजसेवी और अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के कार्यकर्ता ने आत्महत्या कर ली। कांग्रेसी नेता समेत 5 लोगों के खिलाफ खुदकुशी के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कर लिया है।


सिवानी में नैशनल हाइवे स्थित जमीन के विवाद ने युवा समाजसेवी व अन्ना हजारे की मुहिम में जुड़े 25 वर्षीय दीपक मेहता की जान ले ली। उसने शुक्रवार देर रात को सादलपुर- हिसार सवारी गाड़ी के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली। सिवानी के वार्ड नंबर 6 में रहने वाले दीपक मेहता की हिसार रोड पर जमीन थी। उनका कांग्रेसी नेता भीम गर्ग व उसके परिवार के सदस्यों के साथ विवाद चल रहा था। 3 दिन पहले भीम गर्ग ने उनकी जमीन पर रेत भी डलवा दी थी। इसको लेकर दीपक कई बार उनसे मिल चुके थे, मगर समस्या का समाधान नहीं हुआ था।


शुक्रवार रात करीब साढ़े 11 बजे दीपक घर से बिना किसी को बताए निकल गए। जब सादलपुर से हिसार जाने के लिए ट्रेन वहां से गुजरी तो दीपक ने उसके आगे कूद कर जान दे दी। उनकी जमीन वहां से ज्यादा दूर नहीं है।सिवानी अन्ना टीम के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल का गृह क्षेत्र है। भ्रष्टाचार के खिलाफ हुई अन्ना हजारे की मुहिम में दीपक मेहता ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्होंने 11 दिनों तक अनशन भी किया था। यही नहीं, दीपक मेहता अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के दौरान शहर के एक टावर पर भी चढ़ गए थे।


दीपक के शव के पास एक सूइसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने अपनी आत्महत्या की पूरी दास्तां लिखी है। दीपक ने मरने से पहले लिखे सूइसाइड नोट में लिखा है कि क्षेत्र के भीम गर्ग, रत्न गर्ग, मुरारी गर्ग, रामचंद्र गर्ग, रवि गर्ग ने उसकी जमीन की गिरदावरी अपने नाम करवा ली है। उसकी जमीन नैशनल हाइवे पर होने के कारण उनकी नजर उस पर थी। दीपक ने अपनी जमीन का सौदा किया हुआ था और बयाना भी ले लिया था। वह इस मामले में भीम गर्ग से कई बार मिले मगर उन्हें धमकी देकर भगा दिया गया। उनके साथ धोखाधड़ी की गई, जिससे वह दुखी है। पुलिस ने मृतक के भाई नरेश के बयान पर कांग्रेसी नेता भीम गर्ग, पिता रामचंद्र, भाई रतन, मुरारी लाल व भतीजे रवि व अन्य पर धोखाधड़ी, जमीनी दस्तावेजों के रेकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है।
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