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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

जंगल से निकलकर संसद में पहुंच गए हैं डाकू : बाबा रामदेव

योग गुरु बाबा रामदेव ने सोमवार को यहां कहा कि देश तो संसद में बैठे 543 लोग ही चलाएंगे, लेकिन उन्हें ‘रोगी’ नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डाकू जंगल से निकलकर दिल्ली पहुंच गए हैं।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की उपस्थिति में सोमवार सुबह 5 बजे यहां स्टेडियम पर आयोजित योग शिविर में बाबा रामदेव ने फिर एक बार आरोप लगाया कि संसद में बैठे कुछ सदस्य दुराचारी, भ्रष्टाचारी और हत्यारे हैं। जनता को चाहिए कि वह ऐसे लोगों को चुनकर देश की सर्वोच्च संस्था में नहीं भेजे।

इससे पहले रविवार शाम भिण्ड से मुरैना आते हुए पोरसा में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि डाकुओं का ‘प्रमोशन’ हो गया है और वे अब जंगल से निकलकर दिल्ली पहुंच गए हैं। जनता ऐसे लोगों को चुनकर लोकसभा और विधानसभाओं में नहीं भेजे। इस अवसर पर वह अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल के पैतृक गांव बरवाई पहुंचे और उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

उन्होंने कहा कि आज महंगाई की मार से आम आदमी बेहद परेशान और दुखी है और सरकार कुछ नहीं कर रही है। कालाबाजारियों के हौसले बुलंद हैं। विदेशों में जमा कालेधन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे इसे अपने देश में लाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे।

इस अवसर पर चौहान ने बाबा रामदेव को देश का क्रांतिकारी संत बताते हुए कहा कि विदेशों में जमा काला धन वापस देश लाने, भ्रष्टाचारियों को खदेड़ने तथा योग शिक्षा प्रसार की मुहिम में वे बाबा रामदेव के साथ हैं।

उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव मध्यप्रदेश आए हैं और वे मेहमान हैं। प्राचीन परंपरा रही है कि राजा उसके राज्य में आए मेहमान का स्वागत करता है। इसी गौरवशाली परंपरा को निभाने और एक संत का अभिनंदन करने वे यहां आए हैं। उनकी सरकार ने भी प्रदेश से भ्रष्टाचारियों को खदेड़ने और कालेधन को निकालने का अभियान चलाया हुआ है।

योग शिविर के बाद मुख्यमंत्री ने बाबा रामदेव से उनके रुकने के स्थान पर जाकर उनसे डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में मंत्रणा की। उनकी इस बातचीत का ब्योरा नहीं मिल सका है।

दूसरी ओर, जिला कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्टर कार्यालय पर बाबा रामदेव का पुतला दहन किया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश मावई का कहना है कि बाबा स्वयं भ्रष्ट हैं और विदेशों में जमा काला धन स्वदेश लाने का उनका अभियान एक दिखावा है।

कलेक्टर कार्यालय के सामने उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के इशारे पर बाबा रामदेव काम कर रहे हैं। उन्हें यदि राजनीति में इतनी ही रुचि है तो वे खुलकर भाजपा के साथ क्यों नहीं आ जाते।

उन्होंने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री और बाबा रामदेव के बीच गुप्त मंत्रणा हुई है, जिसमें उनकी प्रदेश यात्रा का खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि जनता के खजाने का धन बाबा रामदेव के राजनीतिक प्रयोजन के लिए खर्च किया जा रहा है और सभी जगह जिला प्रशासन द्वारा बाबा की सभाओं एवं योग शिविरों की व्यवस्था की जा रही है।
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