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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

अधिकारों का विकेंद्रीकरण किया जाये : मनीष सिसोदिया

यदि किसी व्यक्ति या संस्था को असीमित अधिकार दिए जाते हैं तो भ्रष्टाचार की आशंका बढ़ जाती है. यदि मुख्यमंत्री, सांसद या विधायक का पद महंगा होगा तो उस पर सुशोभित व्यक्ति अपने आप ही भ्रष्ट हो जायेगा. इसलिए यह आवश्यक है कि उनके अधिकारों का विकेंद्रीकरण किया जाये.


हमें ग्राम पंचायतों को भी अधिक अधिकार देने होंगे, जिससे सत्ता का विकेंद्रीकरण होगा. यदि इस व्यवस्था में भी भ्रष्टाचार आंशिक रूप से रह जाता है तो भी वह वर्तमान व्यवस्था से कम ही होगा. विकेंद्रीकरण किये जाने से जनभागीदारी भी बढ़ेगी और व्यवस्था में शामिल लोगों की स्पष्ट रूप से जवाबदेही भी तय हो सकेगी.


भ्रष्टाचार की वर्तमान लड़ाई केवल एक शुरुआत या प्रतीक भर है. जिसके आगामी चरणों में हमें व्यवस्था परिवर्तन, सत्ता का विकेंद्रीकरण और जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार जैसे मुद्दों को सम्मिलित करना होगा. तभी भ्रष्टाचार मुक्त, सुदृढ़ लोकतान्त्रिक व्यवस्था के अंतर्गत भारत की आगे की राह तय हो पायेगी.
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