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रूपये की गिरावट का सच जानिये

1..रूपये की गिरावट सरकार हमेशा विश्व बैंक और विश्व मुद्रा कोष के इशारे पर करती है ताकि सरकार को बाहरी कर्ज मिल सकें


2. क्या सिर्फ सयोंग है की मार्च 2012 में विश्व बैंक और विश्व मुद्रा कोष के मुखियाओं ने भारत की यात्रा की उसके बाद से रूपये में 15 % की भारी गिरावट आई है


3..क्या ये महज संयोग है की मार्च में ही सरकार ने 12 वी पंचवर्षीय योजना पर काम करना शुरू किया है .ये वही योजना है जिसके बहाने से सरकार कर्ज लेती है


4. आप आजादी के बाद के रूपये के अवमूल्यन का इतिहास देखिये जब जब पंचवर्षीय योजना शुरू की गयी तब तब विशव बैंक के कहने पर रूपये में सरकार ने भारी गिरावट की


5.इस बार सरकार ने रूपये में गिरावट पेट्रोल की कीमत बढ़ाने के लिए भी की .क्योंकी सरकार पेट्रोल पर 8 से 10 रूपये बढ़ाना चाहती है अब वो गिरावट का बहाना लेकर
कीमत बढाएगी जबकी गिरावट से नुक्सान सिर्फ 2 रूपये / ली है


6. कभी कभी रूपये में गिरावट ,सॉफ्टवेर ,कपड़ा उद्योग ,शेयर बाज़ार निर्यात करने वाली विदेशी कंपनियां को फायदा पहुंचाने के लिए भी किया जाता है इसके बदले में राजनेताओ को मोटी दलाली मिलती है


7.आजादी के समय रूपये की कीमत डालर के मुकाबले 1 रूपये थे अव वो 56 रूपये हो गयी है कही भारत बर्बाद तो नहीं हो चूका है सोचिये जरा !
हा एक और बात आम आदमी न तो सॉफ्टवेर बनाता है ,ना ही धागा बनता है ,ना ही निर्यात करता है ना है शेयर मार्केट में पैसा लगाता है वो तो पुरे दिन भर दो वक्त की रोटी खाने के लिए मेहनत करता है अब वो रोटी भी महँगी हो जायेगी .इसको ही तो अन्याय कहते हैं
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