नई दिल्ली। कैग की रिपोर्ट में दिल्ली एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण के नाम पर करोड़ों रुपए की हेराफेरी का मामला सामने आया है। रिपोर्ट की मानें तो यह टेलीकॉम घोटाले जैसा ही बड़ा है। कैग रिपोर्ट के मुताबिक एयरपोर्ट घोटाला 1 लाख 63 हजार करोड़ रुपए का है जबकि टेलीकॉम घोटाला करीब 1 लाख 76 हजार करोड़ का था।
कैग की रिपोर्ट में एयरपोर्ट घोटाले के लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी यानी डायल की खिंचाई की गई है। डायल एक निजी कंपनी है और उसने 1813 करोड़ रुपए निवेश कर दिल्ली एयरपोर्ट के संचालन का ठेका 60 सालों के लिए हासिल किया है।
कैग रिपोर्ट के मुताबिक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और डायल के बीच हुए ऑपरेशन, मैनेजमेंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट के मुताबिक एयरपोर्ट की पांच फीसदी जमीन पर डायल विकास का काम कर सकती है। ये हिस्सा करीब 240 एकड़ बनता है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस जमीन से डायल को 58 सालों में करीब 1 लाख 63 हजार करोड़ रुपए की कमाई होने का अनुमान है। इस जमीन को डायल को महज 100 रुपए सालाना के लीज रेंट पर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक विकास शुल्क के नाम पर डायल को होने वाली कमाई कॉन्ट्रेक्ट की शर्तों से अलग है। इतना ही नहीं यात्रियों से टैक्स के नाम पर 3,415 करोड़ रुपए वसूले जा रहे हैं जो डायल की अतिरिक्त कमाई है।
कैग की रिपोर्ट डायल को कॉन्ट्रैक्ट देने जैसे बिंदुओ पर लिए गए फैसलों की ओर इशारा कर रही है। रिपोर्ट बता रही है कि गलत फैसलों की वजह से ही यह ऐसा हुआ। उधर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कैग को बताया है कि एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण का फैसला कैबिनेट का था।
कैग की रिपोर्ट में एयरपोर्ट घोटाले के लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट अथॉरिटी यानी डायल की खिंचाई की गई है। डायल एक निजी कंपनी है और उसने 1813 करोड़ रुपए निवेश कर दिल्ली एयरपोर्ट के संचालन का ठेका 60 सालों के लिए हासिल किया है।
कैग रिपोर्ट के मुताबिक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और डायल के बीच हुए ऑपरेशन, मैनेजमेंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट के मुताबिक एयरपोर्ट की पांच फीसदी जमीन पर डायल विकास का काम कर सकती है। ये हिस्सा करीब 240 एकड़ बनता है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस जमीन से डायल को 58 सालों में करीब 1 लाख 63 हजार करोड़ रुपए की कमाई होने का अनुमान है। इस जमीन को डायल को महज 100 रुपए सालाना के लीज रेंट पर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक विकास शुल्क के नाम पर डायल को होने वाली कमाई कॉन्ट्रेक्ट की शर्तों से अलग है। इतना ही नहीं यात्रियों से टैक्स के नाम पर 3,415 करोड़ रुपए वसूले जा रहे हैं जो डायल की अतिरिक्त कमाई है।
कैग की रिपोर्ट डायल को कॉन्ट्रैक्ट देने जैसे बिंदुओ पर लिए गए फैसलों की ओर इशारा कर रही है। रिपोर्ट बता रही है कि गलत फैसलों की वजह से ही यह ऐसा हुआ। उधर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कैग को बताया है कि एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण का फैसला कैबिनेट का था।