नई दिल्ली : राज्यसभा में लोकपाल विधेयक एक बार फिर लटक गया है। सोमवार को राज्यसभा में लोकपाल बिल पर हुई चर्चा के दौरान सरकार ने इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव नारायणसामी की ओर से दिया गया। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में सेलेक्ट कमेटी इस बिल पर रिपोर्ट दे।
भाजपा ने जहां सरकार पर इस बिल को लटकाने में जान-बूझकर देरी करने का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी ने इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया है। मायावती ने कहा कि बिल के हर मुद्दे पर गंभीरता से विचार होना चाहिए। लोकपाल बिल जल्दबाजी में पास नहीं होना चाहिए।
भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि सवाल यह है कि लोकपाल बिल लाना है या नहीं। पिछले 42 साल से लोकपाल लटका है। लोकपाल लाने में इतने लंबे समय की देरी से सवाल खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि संसद की विश्वसनीयता दांव पर है। सरकार जानबूझकर लोकपाल बिल को लाने में देरी कर रही है।
भाजपा ने इस बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजने का विरोध किया है। यदि सरकार इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजना चाहती है तो खुद प्रस्ताव लाए। लोकपाल बिल के चार मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच मतभेद है। वहीं, लेफ्ट ने भी लोकपाल बिल पर बहस की मांग की है। माकपा नेता ने कहा कि संसद में हर संशोधन पर बहस होना चाहिए।