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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

बिकाऊ मीडिया

कितने करोड मिले होंगे हिन्दुस्तान को इस सर्वे के लिए ? 20 मई 2012 को मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित अपनी खबर में हिन्दुस्तान बताता है कि देश का हर चौथा भारतवासी ‘राहुल गाँधी’ को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है !

दरअसल, उक्त खबर ‘हिन्दुस्तान टाइम्स -सी फॉर सर्वे’ द्वारा किये गए एक सर्वे के आधार पर बनाया गया है | पूरी खबर में राहुल गाँधी और यूपीए के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश की गयी है | हालांकि चुनाव अभी डो साल बाद होने हैं लेकिन यूपीए -२ के तीन साल पूरे होने पर आगामी 22 मई को विपक्षी दलों खास कर भाजपा द्वारा देश भर में धिक्कार दिवस मनाने का ऐलान किया गया है | और ऐसे में हिन्दुस्तान का यह खबर आम जनता को दिग्भ्रमित कर कांग्रेस और राहुल के विरुद्ध लामबंद होने से रोकने के लिए उठाया गया एक कदम लगता है |

गौरतलब है कि सर्वे में ‘प्रधानमंत्री के लिए पहली पसंद’ के सवाल पर 27% राहुल ,19% मनमोहन सिंह ,13 % सोनिया गाँधी ,4% प्रणब मुखर्जी , 23% अन्य और 14% कह नहीं सकता आंकड़े प्रकाशित किये गए हैं | इस सर्वे पर कई सवाल उठते हैं | क्या सर्वे की सूचि में बस कांग्रेसी नेताओं का ही नाम दिया गया था ? जब 4% वाले प्रणब मुखर्जी का नाम दिया गया है तो अन्य 23 % में आने वालों के नाम क्यूँ नहीं दिए गए ? क्या देश भर में केन्द्र सरकार के खिलाफ जो गुस्सा है वो हिन्दुस्तान को नजर नहीं आया ? सबसे बड़ा मजाक तो ये है कि सर्वे में राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री पद की दौड में युवाओं की पसंद बताया गया है जबकि यूपी -पंजाब -गोवा जैसे राज्यों में पूरी मतदाता बिरादरी ने राहुल और उनकी पार्टी को नकार दिया है |

खबर में बार-बार विपक्ष को कमजोर और नेतृत्वविहीन बताते हुए आने वाले दिनों में यूपीए की छवि सुधरने की उम्मीद जताई गयी है | लिखा गया है कि सरकार द्वारा उठाये गए कई कदम सरकार के लिए अच्छा माहौल बना सकते हैं अगर यूपीए उनको ठीक से व्यवस्थित कर ले तो |

बहरहाल, पूरी खबर को देखकर साफ़ पता चलता है कि यह खबर प्रायोजित है | जनता की चिंता करने के बजाय इस अखबार को बस यूपीए की चिंता है कि उसकी छवि कैसे ठीक हो | सर्वे में जिस प्रकार से आंकड़े गढे गए हैं या जिन चालाकियों से सर्वे में शामिल लोगों को गुमराह किया गया है वह बेहद खतरनाक है | प्रिंट मीडिया के चरित्र में आये इस बदलाव पर बड़ी बहस होनी चाहिए |
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