यशवंत प्रकाश जो २२ साल तक सेना में तत्पर रहे पिछले 6 दिनों से जयपुर में भूख हरताल पर बेठे हुए हैं
यह भूख हड़ताल उन्होंने अपने ७७ साल के पिता के अपरहण और हत्या के विरोधस्वरूप प्रारंभ की है. उनके पिता को इस साल 20 जनवरी को अपहृत किया गया था और उनका शव २७ जनवरी को जयपुर की प्रताप नगर कालोनी में एक वीरान प्लाट से बरामद हुआ. यह स्थान उनके निवास से केवल 20 किलोमीटर दूर है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार उनका अपहरण इस प्रयोजन से किया गया था कि वह अपनी सम्पति हत्यारों को सोंप दे जो जयपुर नगर से बिलकुल पास है और अब कमर्शल बन चुकी है. पुलिस ने इस सम्बन्ध में 2 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. सूत्रों के अनुसार इन दो अभियुक्तों के खिलाफ मामला इतना कमजोर है कि वह किसी अदालत की जांच में नहीं टिक पायेगा और इस तरह यह दोनों अभियुक्त आराम से छूट जायेंगे. सूत्रों के हवाले से वास्तविक अपराधी अब भी आराम से रह रहा है. असल अभियुक्त एक भूतपूर्व कोउन्सिलोर बतया जाता है जो अब सम्पति की खरीद फ़रोख का काम करता है. यशवंत की मांग है कि इस मामले की पूरी जाच सीबीआई (CBI) को सोंप दी जाये.
पुलिस के साथ अन्य अधिकारी भी चुपी साधे हुए हैं और इस प्रकार सारा मामला गड़बड़ा रहा है. वास्तविक अपराधी आज़ादी से घूम रहा है और पुलिस कुछ नहीं कर रही है और यह सब कुछ दुनिया के सब से बड़े लोकतंत्र में हो रहा है. इस प्रकार भूतपूर्व सैनिक अपने जीवन को दाव पर लगाने पर विवश हो गया और उसने फैसला किया है की वह राष्ट्रपिता के मार्ग पर चलते हुए अनिश्चितकालीन अनशन पर बेठे रहेंगे.
यशवत प्रकाश की हालत काफी बिगड़ गयी है और डॉक्टर का कहना है की वह अगर अगले 48 घंटों में अपना अनशन नहीं तोड़ते तो स्थित्ति गंभीर हो जाएगी. जयपुर में कोहराम मचा हुआ है और सरकार से न्याय की अपेक्षा है.
यह भूख हड़ताल उन्होंने अपने ७७ साल के पिता के अपरहण और हत्या के विरोधस्वरूप प्रारंभ की है. उनके पिता को इस साल 20 जनवरी को अपहृत किया गया था और उनका शव २७ जनवरी को जयपुर की प्रताप नगर कालोनी में एक वीरान प्लाट से बरामद हुआ. यह स्थान उनके निवास से केवल 20 किलोमीटर दूर है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार उनका अपहरण इस प्रयोजन से किया गया था कि वह अपनी सम्पति हत्यारों को सोंप दे जो जयपुर नगर से बिलकुल पास है और अब कमर्शल बन चुकी है. पुलिस ने इस सम्बन्ध में 2 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. सूत्रों के अनुसार इन दो अभियुक्तों के खिलाफ मामला इतना कमजोर है कि वह किसी अदालत की जांच में नहीं टिक पायेगा और इस तरह यह दोनों अभियुक्त आराम से छूट जायेंगे. सूत्रों के हवाले से वास्तविक अपराधी अब भी आराम से रह रहा है. असल अभियुक्त एक भूतपूर्व कोउन्सिलोर बतया जाता है जो अब सम्पति की खरीद फ़रोख का काम करता है. यशवंत की मांग है कि इस मामले की पूरी जाच सीबीआई (CBI) को सोंप दी जाये.
पुलिस के साथ अन्य अधिकारी भी चुपी साधे हुए हैं और इस प्रकार सारा मामला गड़बड़ा रहा है. वास्तविक अपराधी आज़ादी से घूम रहा है और पुलिस कुछ नहीं कर रही है और यह सब कुछ दुनिया के सब से बड़े लोकतंत्र में हो रहा है. इस प्रकार भूतपूर्व सैनिक अपने जीवन को दाव पर लगाने पर विवश हो गया और उसने फैसला किया है की वह राष्ट्रपिता के मार्ग पर चलते हुए अनिश्चितकालीन अनशन पर बेठे रहेंगे.
यशवत प्रकाश की हालत काफी बिगड़ गयी है और डॉक्टर का कहना है की वह अगर अगले 48 घंटों में अपना अनशन नहीं तोड़ते तो स्थित्ति गंभीर हो जाएगी. जयपुर में कोहराम मचा हुआ है और सरकार से न्याय की अपेक्षा है.