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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

भ्रष्ट नहीं पर गुनहगार तो हैं मनमोहन: प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार

नई दिल्ली। हाल के समय तक प्रधानमंत्री के शीर्ष मीडिया सलाहकार रहे हरीश खरे का कहना है कि डॉ. मनमोहन सिंह को भ्रष्ट तो कतई नहीं कहा जा सकता, लेकिन कई मामलों में वे गुनहगार तो हैं।


डॉ. खरे ने उसी अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ में अपनी यह राय जाहिर की है जिसे छोड़कर वे प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार बने थे और जब प्रधानमंत्री कार्यालय की मीडिया टीम में टीवी पत्रकार पंकज पचौरी को शामिल कर लिया गया तो डॉ. खरे ने वहां से किनारा कर लिया था।


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प्रधानमंत्री पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में अपनी बेबाक राय जाहिर करते हुए डॉ. खरे ने अनेक ऐसे मामले गिनाए हैं, जिनमें उन्होंने डॉ. सिंह को ‘गुनहगार’ ठहराया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की दूसरी पारी में डॉ. मनमोहन सिंह ने नीरा राडिया टेप मामले की पूरी नृशंसता से चीर-फाड़ नहीं की जो घृणित कॉर्पोरेट तत्वों का खेल था। यह गंदगी का ऐसा गटर था जिसकी परिणति उस कॉर्पोरेट जंग में हुई जिसे आज के समय में ‘2 जी घोटाले’ के नाम से शोहरत मिली।


पूर्व मीडिया सलाहकार ने टीम अन्ना पर चोट करते हुए हुए डॉ. मनमोहन सिंह को इस बात के लिए भी गुनहगार ठहराया है कि उन्होंने इस ‘भीड़ अन्ना’ को सार्थक सोच वाली सिविल सोसायटी मानने की गंभीर भूल की और वे उसका लाइलाज राजनीतिक एजेंडा नहीं देख सके।


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टीम अन्ना की नेकनीयती पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस ‘भीड़ अन्ना’ ने कभी गुजरात में अपना झंडा उठाने की नहीं सोची, जहां किसी प्रकार की लोकतांत्रिक असहमति के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे स्वयंभू शंकराचार्यों ने ‘भ्रष्ट’ होने का तमगा दिया है, जिन्होंने किसी को भी पाक-साफ और किसी को भी भ्रष्ट कह देने का खुद को लाइसेंस दे दिया है।


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अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह की धारा के बारे में कठोरतम शब्दों का इस्तेमाल करते हुए डॉ. खरे ने कहा कि प्रधानमंत्री पर इस बात का आरोप लगाया जाना चाहिए कि उन्होंने देश को विकास के ऐसे रास्ते पर डाला जिससे असमानता और नाइंसाफी के प्रतिफलों के साथ सिर्फ लालची और बलात्कारी पूंजीवाद ही पनप सकता था। वे वाकई इस बात के लिए दोषी हैं कि उन्होंने कॉर्पोरेट गठजोड़ को नहीं पकड़ा, जिन्होंने लोकतांत्रिक प्रणाली के खुलेपन का दुरुपयोग करते हुए वैध शासन को कमजोर किया, ताकि उनकी ठगी पकड़ी न जाए और उन्हें कोई दंड न मिले।
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