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ममता-मुलायम की सियासी सुनामी, यूपीए हैरान

ममता बनर्जी और मुलायम सिंह यादव की जबर्दस्त सियासी चाल से देश का राष्ट्रपति चुनाव किसी थ्रिलर फिल्म की तरह रोमांचक हो गया है। ममता-मुलायम ने बुधवार की शाम न केवल कांग्रेस की पहली पसंद प्रणब मुखर्जी और दूसरी पसंद हामिद अंसारी को सिरे से खारिज कर दिया। बल्कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए आगे बढ़ा कर, चालाकी से पीएम के राजनीतिक वजूद पर सवाल खड़ा कर दिया! साफ है कि अगर मनमोहन के नाम पर कांग्रेस विचार करेगी, तो उसे सरकार का चेहरा बदलने की जोरदार कवायद करनी पड़ेगी।

ममता-मुलायम ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पूरे यूपीए को हैरान करते हुए, कांग्रेस की चौतरफा घेराबंदी के लिए तीन नाम उछाले। जिनमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम उनकी पहली पसंद हैं। इसके बाद उन्होंने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और अंत में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम प्रस्तावित किया।

इस दांव से कलाम रायसीना हिल्स की दौड़ में नंबर वन हो गए हैं। एनडीए पहले से ही उनका बड़ा पैरोकार है। मगर कांग्रेस के साथ वामपंथी दलों को कलाम स्वीकार नहीं है। ममता-मुलायम की सियासी जुगलबंदी से अगले राष्ट्रपति की कांग्रेस की तलाश काफी जटिल हो गई है। अब सभी दावेदारों की दौड़ के लिए मैदान खुल गया है। अगर कांग्रेस कलाम और सोमनाथ चटर्जी के नाम को खारिज करती है, तो मनमोहन सिंह को आगे बढ़ाने से उसे घर और सरकार में नए समीकरणों से दो-चार होना पड़ेगा। जो उसकी मुश्किलें ही बढ़ाएगा।

ममता-मुलायम के बीच मंगलवार से पर्दे के पीछे बुनी जा रही सियासत बुधवार शाम को राष्ट्रपति चुनाव के सियासी थ्रिलर के रूप में सामने आई। ममता बनर्जी सोनिया गांधी के निवास दस जनपथ पर पहुंचीं। 45 मिनट की मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों को कांग्रेस की पहली-दूसरी पसंद बता दी। इससे कांग्रेस असहज हो गई। ममता ने कहा कि सोनिया ने यह राय सहयोगियों दलों से बातचीत के बाद बनाई है। ममता ने स्पष्ट किया कि वह मुलायम सिंह यादव और अपनी पार्टी में विचार विमर्श के बाद अंतिम फैसला लेंगी।

इसके बाद वह सीधे मुलायम के घर 16 अशोक रोड पहुंचीं। डेढ़ घंटे के बाद सपा मुखिया केसाथ राष्ट्रपति पद के अपने तीन संभावित उम्मीदवारों की नई सूची एक पर्ची पर लेकर बाहर निकलीं। मुलायम सिंह ने नामों का ऐलान किया। इस तरह प्रणब और अंसारी का नाम खारिज करते हुए दोनों ने सभी दलों से इनमें से एक नाम को समर्थन देने की अपील भी कर डाली। इस मौके पर ममता कांग्रेस की पसंद पर प्रहार करने से भी नहीं चूकीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए, जो ईमानदार हो, सबकी नजरों में जिसकी इज्जत हो और अच्छे से काम कर सके। ममता-मुलायम के खुलासे से सियासी समीकरणों ने जोरदार पलटी खाई है। यह तय हो गया है कि ममता-मुलायम ही असली किंगमेकर है।

हालांकि कांग्रेस या सरकार के खेमे से ममता-मुलायम की इस चाल पर फिलहाल टिप्पणी नहीं की गई है। संकेत है कि अगले दो-तीन दिनों में सोनिया यूपीए घटकों की बैठक बुलाकर उम्मीदवारी के इस थ्रिलर को क्लाइमेक्स की ओर ले जाने की पहल करेंगी।
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