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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे कांग्रेसी वीरभद्र सिंह का इस्तीफा


नई दिल्ली।। चौतरफा दवाब के बाद केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह ने मंगलवार को अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को सौंप दिया है। वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ स्पेशल कोर्ट ने 23 साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले में आरोप तय किए थे। सोमवार को स्पेशल जज बी. एल. सोनी ने कहा कि सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अदालत के फैसले के बाद वीरभद्र सिंह के इस्तीफे की मांग तेज हो गई थी। गौरतलब है कि इसके पहले भी यूपीए सरकार में शामिल कई मंत्री करप्शन के मामले में इस्तीफा दे चुके हैं। विपक्ष ने वीरभद्र सिंह के इस्तीफे का स्वागत किया है। हालांकि, इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह बेदाग हैं, उन्हें फंसाया गया है।


विशेष अदालत ने लघु, अतिलघु और मध्यम उद्योगों के लिए केंद्रीय मंत्री और 78 साल सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी और प्रीवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट की धारा 7, 11 और 13 के तहत आरोप तय किए गए हैं। यह केस 1989 का है जब सिंह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। ये आरोप उस सीडी के आधार पर तय किए गए हैं, जिसमें वह आईएएस अधिकारी मोहिंदर लाल और कुछ उद्योगपतियों से राज्य में निवेश के बारे में पैसों के लेन-देन के मामले में बात कर रहे थे। अदालत में केस की सुनवाई के दौरान यह सीडी चलवाई गई थी, जिसमें वीरभद्र सिंह पैसों की मांग कर रहे थे। मई 2007 में जारी हई सीडी के बाद वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ 3 अगस्त 2009 को मामला दर्ज किया गया था।
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