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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

अन्ना हज़ारे की प्रधानमंत्री को चुनौती

अपने आंदोलन के पीछे विदेशी पैसा होने के आरोपों को खारिज करते हुए समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इन विदेशी ताकतों का नाम बताने की चुनौती दी है.


अन्ना ने अपने गाँव रलेगण सिद्धि में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस तरह के आरोप एक सशक्त लोकपाल कानून की माँग से ध्यान बँटाने के लिए लगाए जा रहे हैं.


उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री बिना किसी ठोस तथ्य के टीम अन्ना के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताए जा रहे हैं.


उन्होंने कहा,"वे आरोप लगाते हैं, मगर ये नहीं बताते कि ये विदेशी शक्तियाँ कौन हैं. कौन शक्ति, कौन देश, ये नहीं बताते. ऐसे झूठे आरोप लगाना सही नहीं है."


"यदि प्रधानमंत्री को लगता है कि टीम अन्ना के पीछे विदेशी शक्तियाँ हैं तो ये जरूरी है कि वे नागरिकों को बताएँ कि ये शक्तियाँ कौन हैं"
अन्ना हज़ारे


उन्होंने प्रधानमंत्री का उल्लेख करते हुए कहा,"यदि प्रधानमंत्री को लगता है कि भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता राष्ट्रविरोधी हैं तो ये देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. यदि प्रधानमंत्री को लगता है कि टीम अन्ना के पीछे विदेशी शक्तियाँ हैं तो ये जरूरी है कि वे नागरिकों को बताएँ कि ये शक्तियाँ कौन हैं."


अन्ना हजारे ने कहा कि यदि कोई साधारण आदमी ऐसे आरोप लगाए तो बात अलग है, मगर प्रधानमंत्री कार्यालय के स्तर से ऐसे आरोप लगाया जाना गंभीर बात है.


उन्होंने कहा,"आपके पास तो इतना बड़ा खुफिया तंत्र है, आप उसको काम में क्यों नहीं लाते."


उन्होंने अपनी टीम को देशविरोधी बताए जाने पर सख्त आपत्ति करते हुए कहा,"मुझे राष्ट्रविरोधी बताना गलत है. सरकार कहती है कि मैं गद्दार हूँ. अगर मैं हूँ, तो मुझे जेल भेज दो."


अन्ना ने कहा कि वे ये नहीं समझते कि कोयले के ब्लॉक बँटवारे में प्रधानमंत्री सिंह और उनके परिवार के लोगों ने पैसे कमाए हैं मगर उन्होंने साथ ही जोड़ा कि बिना आग के धुआँ नहीं नहीं निकलता और क्या प्रधानमंत्री को धुआँ नहीं दिख रहा था.


उन्होंने पूछा,"सीएजी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि बहुत बड़ा घाटा हुआ और किसी को लाभ हुआ. वो कौन हैं?"


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