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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

भ्रष्ट मंत्रियों की जांच के लिए आयोग गठित हो : किरण बेदी

चंडीगढ़/अंबाला, 7 जून (निस/हप्र)। टीम अन्ना की मुख्य सदस्य डा. किरण बेदी ने केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के मंत्रियों पर लगे भ्रष्चार के आरोपों की जांच के लिए एक आयोग का गठन करने की मांग की है। चंडीगढ़ में आर्यन्स कॉलेज के एक समारोह में भाग लेने आई श्रीमती बेदी ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में भारत के प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह तथा संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अगर सही मायने में भ्रष्टïाचार के खिलाफ हैं तो उन्हें अपने मंत्रियों पर लगे भ्रष्टचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच के लिए एक संयुक्त आयोग गठित करना चाहिए जिसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, पूर्व वरिष्ठï पुलिस अधिकारी तथा पत्रकार सदस्य हों।

श्रीमती बेदी का कहना था कि टीम अन्ना ने हाल ही में केन्द्रीय मंत्रिमंडल के उन 14 मंत्रियों की सूची प्रधानमंत्री को सौंपी है जिन पर भ्रष्टचार के आरोप लगे हैं लेकिन सरकार ने अभी तक इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्टï नहीं की है और चुप्पी साधे हुए है। एक सवाल के जवाब में श्रीमती बेदी ने कहा कि टीम अन्ना में किसी प्रकार का मदभेद नहीं है तथा अरविंद केजरीवाल सहित सभी सदस्य एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव लंबे समय से काले धन के मुद्दे पर लड़ाई लड़ रहे हैं जबकि टीम अन्ना जनलोकपाल बिल के मुद्दे को उठाती आ रही है। ये दोनों मुद्दे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं तथा इन्हें अलग करके नहीं देखना चाहिए।

पूर्व आईपीएस अधिकारी श्रीमती बेदी ने कहा कि 25 जुलाई तक प्रधानमंत्री और श्रीमती गांधी ने इस मामले में स्थिति स्पष्टï नहीं की तो टीम अन्ना एक बार फिर से सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू कर देगी। इस आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसके बाद 9 अगस्त को योग गुरु बाबा रामदेव के नेतृत्व में क्रांति दिवस मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश में कार्यरत सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियां पूरी तरह से निष्पक्ष नहीं हंै। उन्होंने राजनीतिक दलों को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ये दल विपक्ष में रहते हुए जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठाते हैं लेकिन सत्ता में आने के बाद कोई भी इस व्यवस्था में बदलाव नहीं करता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निबटने के लिए जनलोकपाल में ऐसे प्रावधान हैं जिनसे सीबीआई व अन्य एजेंसियां को अपने कामकाज में स्वतंत्रता मिलेगी।

श्रीमती बेदी ने भ्रष्टïाचार के मुद्दे आयोग के गठन की मांग करते हुए कहा कि सरकार इस मामले में वास्तव में गंभीर है तो जल्द आयोग का गठन कर जनता के समक्ष सच्चाई लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोयला खदानों का आवंटन कथित तौर पर उन लोगों को किया गया है जो कपड़े व सीमेंट आदि के करोबार से जुड़े थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की मिलीभगत से कोयला खदानों का आवंटन कुछ चहेतों को किया गया जिनमें करोड़ों-अरबों रुपयों का घोटाला हुआ है। केन्द्र सरकार गंभीर होकर इसकी जांच प्राथमिकता के आधार पर करवाए। इस बीच, अम्बाला में पत्रकारों से बातचीत में अन्ना टीम की कोर कमेटी की सदस्य किरण बेदी ने कहा कि अन्ना टीम ने प्रधानमंत्री व उनके मंत्रिमंडल के अन्य 14 सदस्यों के खिलाफ यूपीए की चेयरपर्सन को भ्रष्टाचार का जो आरोप पत्र सौंपा है, अब उसकी प्रति विपक्षी दलों के नेताओं को भी मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला कोर कमेटी की मीटिंग में होगा। जब उनसे पूछा गया कि भ्रष्टाचार के आरोप पत्र में प्रधानमंत्री व अन्य मंत्रियों के साथ यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के नाम को क्यों नहीं शामिल किया गया तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व मंत्रियों के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं उन सब का खुलासा कैग की रिपोर्ट में किया गया है। उन्होंने साफ किया कि फिलहाल अन्ना टीम ने भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप को लेकर सोनिया गांधी के खिलाफ जांच-पड़ताल नहीं की है।

किरण बेदी से जब पूछा गया कि कई विपक्षी दलों के नेता भी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हैं, क्या उनके खिलाफ भी अन्ना टीम इसी तरह का आरोप पत्र उनकी पार्टी के मुखिया को सौंपेगी, उन्होंने कहा कि फिलहाल अन्ना टीम ने सारा ध्यान यूपीए सरकार पर केन्द्रित किया हुआ है, क्योंकि इसी ने लोकपाल बिल को पारित करना और करवाना है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बाद में विचार किया जा सकता है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह इस बात के पक्ष में हैं कि भ्रष्टाचार, काला धन व लोकपाल बिल के मुद्दे पर बाबा रामदेव व अन्ना हजारे के सांझे अभियान को बेहतर तरीके से चलाने के लिये एक समन्वय समिति बननी चाहिये ताकि हर मुद्दे पर दोनों पक्षों की सहमति हो सके। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि अभी यह आंदोलन लंबा चलेगा, लेकिन इसमें कामयाबी जरूर मिलेगी, क्योंकि देश का आम आदमी अब इस अभियान से जुड़ता जा रहा है।
बाद में उन्होंने अम्बाला शहर के तुलसी कॉलेज ऑफ एजुकेशन फॉर वूमैन में आयोजित एक समारोह में भ्रूण हत्या व अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ काम कर रही कुछ सक्रिय महिला नेत्रियों को सम्मानित भी किया।
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