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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

भ्रष्टाचार का गड्ढा

माही को बचाया नहीं जा सका !हालाँकि मीडिया और सेना सतत् जुटे रहे कि एक अबोध शिशु जो भ्रष्टाचार की उपज से खुले एक मैनहोल में जा गिरा है उसे बाहर निकाला जा सके! ये केस दरअस्ल हत्या यानी 302 का है,उन लोगों के खिलाफ जिन की मिलीभगत के कारण ये मेनहोल खुला छूट गया था ! लेकिन कुछ नहीं होगा! क्या इस देश के लिए भी थोड़ी मेहनत कर सकते हैं हम और आप ?.....ये देश लगभग आधे दशक से गड्ढे में पड़ा है ! सेना से निवेदन करना अलोकतांत्रिक कहलायेगा और मीडिया से निवेदन में डरता हूँ कि उन के पूंजीवादी मालिकान इस गड्ढे में बेखबर पड़ी चेतना को शायद ही बाहर निकलवाना चाहेंगे ! साथी हाथ बढाओ ....थोडा जोर लगेगा पर लगाना पड़ेगा! कोशिश करने में क्या हर्ज़ है ...गड्ढे में भी गिरना है तो कम से कम कोशिश करने के बाद गिरने से से मनोबल तो नहीं गिरेगा! माही को बोरवेल से बचाया नहीं जा सका पर देश को भ्रष्टाचार के गड्डे से बचाना है  !जय हिंद !
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