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सुभाष बोस के रहस्य पर प्रणब ने पर्दा डाला

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नई दिल्ली। प्रणब मुखर्जी पर आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत के सच पर पर्दा डालने का आरोप लगा है। जल्द ही प्रकाशित होने वाली एक किताब के मुतबिक नेताजी के आखिरी दिन कैसे गुजरे, इस पर पर्दा डालने में प्रणब मुखर्जी भी शामिल थे।

पूर्व पत्रकार अनुज धर की लिखी किताब सुभाष चंद्र बोस की मौत की अभी तक की कहानी को नकारती है, जिसके मुताबिक उन्हें 1945 में ताईवान में हुए विमान हादसे का शिकार बताया जाता रहा है। यह किताब अमरीका, ब्रिटेन की गुप्त सूची से हटाए गए रिकॉड्र्स और भारतीय अथॉरिटीज के दस्तावेजों पर आधारित है, जिन्हें पिछले 65 सालों से सीक्रेट रखा गया।
धर के मुताबिक उस दौर में प्रणब मुखर्जी देश के विदेश मंत्री थे और विमान हादसे की थ्योरी को उन्होंने अपनी सीमा से बाहर जाकर सपोर्ट किया। हालांकि सबूतों से साफ जाहिर था कि नेताजी की मौत विमान हादसे में नहीं हुई थी। 1996 की एक घटना का हवाला देते हुए धर कहते हैं कि विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने एक सीक्रेट नोट के जरिए सलाह दी थी कि भारत को बोस की मौत से जुड़े सबूत एकत्रित करने के लिए रशियन फेडरेशन को सख्त कदम उठाने के लिए नोटिस जारी करना चाहिए।

किताब के मुताबिक मुखर्जी ने इस नोट को देखा और विदेश सचिव सलमान हैदर को संयुक्त सचिव से मिलने का आदेश दिया। मीटिंग के बाद संयुक्त सचिव नोटिस के बारे में भूल गए और स्वार्थी हो गए। उन्हें ऐसा लगा कि केजीबी दस्तावेजों को खंगालने से भारत और रूस के संबंध खराब होंगे। ऐसे में मुखर्जी बोस की मौत की ताईवान थ्योरी के सबसे पहले समर्थक बन गए।
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