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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

टीम अन्ना और सरकार में वाकयुद्घ जारी

नई दिल्ली : टीम अन्ना की मेंबर किरन बेदी ने प्रधानमंत्री की तुलना धृतराष्ट्र से की है। उन्होंने 25 जुलाई से 'करो या मरो' अनशन का ऐलान करते हुए कहा कि पीएम की दागी टीम आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए हमें मजबूत न्याय व्यवस्था देने वाली नहीं है। केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि टीम अन्ना का आंदोलन निजी अभियान बन चुका है।


पीएम और 14 मंत्रियों पर करप्शन के आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने और सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की अन्ना हजारे की मांग पीएमओ शनिवार को खारिज कर चुका है। संडे को बेदी ने ट्वीट किया कि पीएमओ ने प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दी है। महाभारत में जब कौरवों ने द्रोपदी का चीरहरण किया था, तब क्या धृतराष्ट्र ने उनका समर्थन नहीं किया था? यह भारतीय जीन या संस्कृति का असर है या कुछ और?


इस पर खुर्शीद ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने और उस पर सवाल उठाने के अच्छे इरादे से शुरू हुआ आंदोलन आज निजी अभियान बना दिया गया है। देश समय आने पर उन्हें उचित जवाब देगा। सिविल सोसायटी के सदस्यों को पहले अपने यहां की गड़बडि़यों पर जवाब देना चाहिए।


मैगसायसाय किसने दिया?


प्रवासी मामलों के मंत्री वायलार रवि ने टीम अन्ना के सदस्यों को मैग्सायसाय अवॉर्ड देने पर सवाल उठाते हुए पूछा कि उन्होंने ऐसा किया क्या है? मंत्री ने कहा कि अमेरिकी कंपनियां इस अवॉर्ड के लिए पैसा देती हैं। उन्होंने इस पूरे आंदोलन के पीछे साजिश होने का दावा किया।
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