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अन्ना ढूंढ रहे दिल्ली में किराये का आशियाना


सशक्त जन लोकपाल की मांग को लेकर केंद्र सरकार को झकझोर देने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे दिल्ली में अब किराये का मकान ढूंढ रहे हैं।
यह सुन कर आपको आश्चर्य जरूर होगा। मगर यह सौ फीसदी सच है, क्योंकि ईमानदारी की मिसाल कायम करने वाले अन्ना अपनी हैसियत और आचरण से वैसे ही हैं, जैसे इस देश का कोई भी आम आदमी।

दक्षिणी दिल्ली में अन्ना के सहयोगियों ने प्रॉपर्टी डीलरों व कुछ मकान मालिकों से संपर्क किया है। कई जगह मकान देखे गए हैं, कुछ जगह समर्थकों को मकान पसंद नहीं आए तो कई जगह अन्य कारण से मकान फाइनल नहीं हो सका।

सूत्रों का कहना है कि कई लोग अपने घर में अन्ना हजारे को मुफ्त में रखने व भोजन का खर्च भी उठाने को तैयार हैं, मगर अन्ना ने इसके लिए मना कर दिया है। समर्थकों का कहना है कि अन्ना हजारे के बैंक खाते में इतनी राशि नहीं है कि वे दिल्ली जैसे महंगे शहर में अपने लिए मकान खरीद सकें। वे किसी दूसरे के पैसे से मकान खरीदना नहीं चाहते। समर्थकों ने स्वयं ही अन्ना के सामने प्रस्ताव रखा है कि वे उनके लिए मकान खरीद कर दे सकते हैं। मगर उन्होंने मना कर दिया है। ऐसे में मकान किराये पर ही लिया जाएगा।

बताया जा रहा है कि मकान की डील में अंतिम पसंद किरण बेदी की होगी। दक्षिणी दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि नीतिबाग, गुलमोहर पार्क, लाडो सराय, हौजखास सहित आसपास के अन्य पॉश इलाकों में अन्ना की पसंद के मकान की तलाश की जा रही है। प्रॉपर्टी डीलरों से कहा गया है कि अन्ना के घर में सभी जरूरी सुविधाओं के अलावा एक पूजा घर, ध्यान केंद्र, विश्राम के लिए एक छोटा कमरा और आने वालों के लिए ड्राइंग रूम की दरकार है।

जानकारों का कहना है कि रामलीला मैदान में अगस्त 2011 में चले आंदोलन में समर्थकों से जो राशि एकत्र हुई थी, उसमें से एक भी पैसा अन्ना ने नहीं लिया है और न ही किसी अन्य आंदोलन से जमा किया गया कोई पैसा लिया है। दिल्ली में किराये पर मकान लेकर अन्ना अपने आंदोलन को फिर से धार देने की तैयारी में हैं।

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