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दिग्विजय के 27 सवाल, टीम केजरीवाल ने कहा-सब बकवास

नई दिल्ली। दिग्विजय ने केजरीवाल से 27 सवाल पूछे हैं। हालांकि, पहले ही केजरीवाल जवाब देने से इंकार कर चुके हैं। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिग्विजय सिंह की उनके लिए की गई टिप्पणियों पर बोलना वो जरूरी नहीं समझते हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिग्विजय सिंह कुछ भी बोल सकते हैं। दिग्विजय सिंह ने केजरीवाल से जो सवाल किए हैं वो हैं:

- क्या ये सच है कि 20 साल की की नौकरी के दौरान आपकी पोस्टिंग दिल्ली से बाहर नहीं हुई?

- क्या आपकी पत्‍‌नी का ट्रासफर कभी दिल्ली से बाहर नहीं हुआ?

- आपने अपनी स्टडी लीव की रिपोर्ट सरकार को क्यों नहीं दी?

- क्या आप बिना इजाजत स्टडी लीव पर चले गए?

- आपका एक बार चंडीगढ़ ट्रासफर हुआ, लेकिन आपने ज्वाइन नहीं किया?

- क्या ये सच है कि चंडीगढ़ ट्रासफर के बाद वीआरएस लेने की कोशिश की?

- क्या सरकारी नौकरी करते हुए आपने एनजीओ बनाने की इजाजत ली?

- क्या एनजीओ कबीर को फोर्ड फाउंडेशन से तकरीबन दो करोड़ रुपये मिले?

- क्या इस पैसे का इस्तेमाल भ्रष्टाचार विरोधी आदोलन में हुआ?

- सरकारी नौकरी करते हुए विदेशी संस्था से पैसे लेने की इजाजत ली?

- आपके किसी वेबसाइट पर दानदाताओं के नाम क्यों नहीं?

- क्या ये सच है कि आप दो करोड़ रुपये लेकर अन्ना के पास गए थे और अन्ना ने पैसे लेने से इनकार कर दिया?

- आपकी कोर कमेटी के एक सदस्य ने 20 करोड़ की धाधली का आरोप लगाया, आपने इसका जवाब क्यों नहीं दिया?

- आप अमेरिकी एनजीओ आवाज के साथ रिश्तों का खुलासा करेंगे?

- अमेरिकी एनजीओ आवाज ने आपको किस तरह की मदद दी?

- क्या ये सच है कि आपने दिल्ली में तहरीर चौक जैसे की बात कही है?

- क्या ये सच है कि ढ्ढन्ष्ट के लिए पैसा डाइवर्ट किया?

इससे पहले केजरीवाल ने दिग्विजय सिंह की चिट्ठी का जवाब देते कहा कि दिग्विजय सिंह झूठ बोल रहे हैं। नेशनल एडवायजरी काउंसिल (एनसीए) में सदस्यता पाने की बात सिरे से झूठी है। केजरीवाल के मुताबिक वो सदस्यता पाने के लिए कभी अपनी सिफारिश लेकर दिग्विजय सिंह के पास नहीं गए। अरविंद का कहना है कि उनकी एनएसी में कोई दिलचस्पी नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि काग्रेस बौखला गई है और इसलिए दिग्विजय सिंह के तौर पर वो अपना आखिरी हथियार इस्तेमाल कर रही है।

केजरीवाल के मुताबिक, उन्हें नहीं लगता कि दिग्विजय सिंह के खत पर कोई टिप्पणी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि काग्रेस पूरी तरह से बौखला गई है। हम बस इतना कहना चाहते हैं कि सभी राजनीतिक पार्टिया आपस में मिली हुई हैं।

इससे पहले काग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अरविंद को लोकतंत्र के बजाय अपनी महत्वाकाक्षा में आस्था रखने वाला आत्ममुग्ध शख्स करार दिया। केजरीवाल को खत लिखकर उनकी नीयत पर सवाल उठाते हुए दिग्विजय ने उनसे सवाल पूछे।

अरविंद को भेजे पत्र में दिग्विजय ने आरटीआइ कार्यकर्ता से उनके नेता बनने के सफर की आलोचनात्मक मीमासा की है। दिग्विजय ने दावा किया है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] में जगह न मिलने से कुंठित होकर अरविंद ने अन्ना हजारे के जरिये आदोलन चलाया।

अरविंद को संबोधित करते हुए दिग्विजय ने लिखा है कि आप मुझसे स्वामी अग्निवेश के साथ काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी को एक आरटीआइ पर कार्यक्रम में आमंत्रित करने के उद्देश्य से मिले थे। आपने आरटीआइ कानून के हकीकत बनने के लिए सोनिया गाधी की खूब प्रशसा की थी। मैं जानता हूं कि पूरी व्यवस्था इस नियम का विरोध कर रही थी, लेकिन वह अपने वादे पर अडिग रहीं। बकौल दिग्विजय तब आपने मुझसे एनएसी में खुद को शामिल कराने का आग्रह किया था। आपके आग्रह पर मैंने एनएसी में आपको शामिल करने का प्रस्ताव किया था, लेकिन असफल रहा। उन्होंने आपकी गुरु अरुणा राय को उसमें लिया। मुझे लगता है कि उसी समय एनएसी को नीचा दिखाने के लिए आपने अन्ना को साथ लेकर जन लोकपाल विधेयक का ड्राफ्ट तैयार कराया। दिग्विजय ने इस पूरे घटनाक्त्रम का जिक्र करते हुए यह जाहिर किया है कि अरविंद ने अपने गुरुओं और साथियों को अपनी महत्वाकाक्षा की भेंट चढ़ा दिया। इस कड़ी में उन्होंने पहले अरुणा रॉय और फिर अन्ना हजारे और किरण बेदी आदि के नाम गिनाए। साथ ही उनके पुराने साथी रिटायर आइपीएस अधिकारी वाईपी सिंह द्वारा उन्हें हिटलर करार दिए जाने का उल्लेख किया और कहा कि इसमें सच्चाई लगती है।

दिग्विजय ने कहा है कि मेरी राय है कि जनता के मुद्दे उठाने वाले कार्यकर्ता से अब आप अपनी महत्वाकाक्षा में आस्था रखने वाले आत्ममुग्ध शख्स के रूप में तब्दील हो चुके हैं। साथ में वह यह भी जोड़ना नहीं भूले कि जिन मुद्दों को वह उठा रहे हैं, मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते वह उन्हें पहले ही अमल में ला चुके हैं।

दिग्विजय ने लिखा है कि आप लोगों पर आरोप लगाते हैं, उनसे सवाल पूछते हैं। मेरे पास भी कई सवाल हैं, क्या आप उनका जवाब देंगे या फिर संघ, अन्ना और रामदेव की तरह असहज होकर खारिज कर देंगे।

उधर, केजरीवाल ने दिग्विजय के पत्र को जवाब देने लायक मानने से इंकार करते हुए कहा कि उनके द्वारा उठाए गई बातें जवाब देने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह पर उन्हें तरस आती है और हंसी भी। वह कब क्या कह जाएं, उसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।

केजरीवाल व खुर्शीद को पक्ष रखने का निर्देश

इलाहाबाद [जाब्यू]। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट के सदस्य अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया, केंद्रीय कानून मंत्री व जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के चेयरमैन सलमान खुर्शीद व टुडे गु्रप के विरुद्ध दाखिल याचिका पर नोटिस जारी करने से पहले उन्हें पक्ष रखने को कहा है। याचिका पर अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश अमिताव लाला और न्यायाधीश अशोक श्रीवास्तव की खंडपीठ ने नोएडा के पत्रकार राजू नरेश पारुलेकर की जनहित याचिका सुनवाई करते हुए तीनों से पूछा है कि कोर्ट क्यों न उनके विरुद्ध नोटिस जारी करे। याची का कहना है विपक्षियों के एनजीओ को विदेशी फंडिंग की जाच कराई जाए।

लुईस खुर्शीद की याचिका पर न्यूज चैनल को नोटिस

नई दिल्ली [जासं]। दिल्ली हाई कोर्ट ने कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्‍‌नी लुईस खुर्शीद द्वारा दायर मानहानि याचिका पर सुनवाई करते हुए एक निजी चैनल ग्रुप को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस वाल्मिकी जे मेहता ने चैनल को चार हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है। अदालत ने चैनल पर इस संबंध में प्रसारित कार्यक्रम पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। लुईस ने निजी चैनल ग्रुप के खिलाफ एक करोड़ रुपये का मानहानि का मामला दायर किया है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के संबंध में चैनल ने कुछ वित्तीय गड़बड़ी का हवाला देते हुए ऐसी खबरें प्रसारित कीं, जिससे ट्रस्ट व उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंची है।

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