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कांग्रेस में घबराहट, केजरीवाल - दिग्विजय के बीच जुबानी जंग तेज


इंडिया अगेंस्ट करप्शन सदस्य अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को एक तीखा पत्र लिखने के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने उन पर सवालों की झड़ी लगा दी है.

दिग्विजय सिंह ने पत्र में केजरीवाल को महत्वाकांक्षी बताते हुए कहा था कि उनमें क्लिक करें हिटलर की झलक नज़र आती है.

अपने सवालों में दिग्विजय सिंह ने केजरीवाल से पूछा है कि अपनी 20 साल की नौकरी में उनका तबादला दिल्ली के बाहर क्यों नहीं हुआ? दिग्विजय सिंह ने यही सवाल उनकी पत्नी के विषय में पूछा है कि उनका भी तबादला दिल्ली से बाहर क्यों नहीं हुआ?

दिग्विजय सिंह ने केजरीवाल से सवाल किया है कि क्या उन्होंने अपने गैर-सरकारी संगठन को शुरू करने से पहले सरकार से इजाजत ली थी और क्या उनके संगठन में विदेशी धन लगा है?

उधर केजरीवाल के सहयोगियों ने जवाब में कहा है कि वो दिग्विजय सिंह के सवालों का जवाब देना जरूरी नहीं समझते.

केजरीवाल के सहयोगी मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये सवाल मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए पूछे जा रहे हैं और क्लिक करें वाड्रा से ये सवाल पूछने की हिम्मत दिग्विजय सिंह में नहीं है.

कांग्रेस में घबराहट

"पहले मैं समझता था कि आप जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने वाले पुरोधा हैं, लेकिन आपके बारे में मेरी राय अब बदल गई है. आपकी अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं"
दिग्विजय सिंह

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने दिग्विजय सिंह के उन दावों को बकवास करार दिया था जिनमें कहा गया था कि केजरीवाल ने सोनिया गाँधी के अध्यक्ष वाली नेशनल एडवाइज़री काउंसिल में शामिल होने के लिए उनसे संपर्क किया था.

केजरीवाल ने कहा, “कांग्रेस घबरा गई है. दिग्विजय सिंह के पत्र में ऐसा कुछ नहीं है जिसका जवाब दिया जाए.”

उन्होंने कहा कि वो कभी एनएसी में शामिल होने के लिए दिग्वजिय सिंह के पास नहीं गए.

अरविंद ने कहा कि एनएसी के पास कोई अधिकार नहीं है और उन्हें इस काउंसिल में सोनिया गाँधी के साथ चाय पीने में कोई दिलचस्पी नहीं है.

दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि केजरीवाल और स्वामी अग्निवेश ने एनएसी में शामिल होने के लिए 2005-06 में उनसे संपर्क किया था.

उधर स्वामी अग्निवेश ने बीबीसी को बताया कि उन्हें इस बैठक के बारे में कुछ याद नहीं है.

दिग्विजय के दावे


दिग्विजय सिंह ने इन सवालों से पहले केजरीवाल को एक पत्र भी लिखा था
शुक्रवार को केजरीवाल को लिखे एक पत्र में दिग्विजय सिंह ने कहा था, “सिविल सोसाइटी मूवमेंट में आपके सहयोगी सेवानिवृत्त अधिकारी वाईपी सिंह ने क्लिक करें आपको हिटलर कहा, मैं आपमें हिटलर की झलक देख सकता हूं. “

उन्होंने कहा, “पहले मैं समझता था कि आप जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने वाले पुरोधा हैं, लेकिन आपके बारे में मेरी राय अब बदल गई है. आपकी अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं.”

दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि क्लिक करें अरविंद केजरीवाल अपनी महत्वाकांक्षाओं की खातिर, आरटीआई आंदोलन में अपनी गुरु रहीं अरुणा रॉय को साथ लेकर नहीं चल सके, फिर उन्होंने किरण बेदी से किनारा किया और अब क्लिक करें अन्ना हज़ारे को भी अलग कर दिया.

दिग्विजय सिंह ने ये दावा भी किया कि केजरीवाल चाहते थे कि वे राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में सदस्यता के लिए उनका नाम आगे बढ़ाएं.

दिग्विजय सिंह का कहना है कि केजरीवाल इस सिलसिले में सोनिया गांधी से भी मुलाकात करना चाहते थे.

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