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आईएसी ने पेश की मिसाल; बनाया आंतरिक लोकपाल


इंडिया अगेंस्ट करप्शन(आईएसी) ने तीन सदस्यों के एक आंतरिक लोकपाल के गठन की घोषणा की. दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ए.पी.शाह, बंबई हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश जस्टिस बी.एच. मर्लेपल्ले और दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश जस्टिस जसपाल सिंह जैसे प्रतिष्ठित और विश्वसनीय न्यायधीशों ने आईएसी की आंतरिक लोकपाल कमेटी के लिए अपनी सहमति दी है.

यह लोकपाल स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से कार्य करेगा. आईएसी के किसी भी सदस्य के खिलाफ लगने वाले आरोपों की जांच का जिम्मा लोकपाल का होगा. लोकपाल में शामिल तीनों पूर्व जज तीन महीने के भीतर उन आरोपों की जांच पूरी करेंगे. अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ आरोप साबित होते हैं तो उसे तत्काल पार्टी से निष्काषित कर दिया जाएगा.

आईएसी लंबे समय से देश में एक निष्पक्ष लोकपाल के गठन की मांग करता आ रहा है लेकिन देश की सभी राजनीतिक पार्टियों ने इसे ठुकरा दिया. आज जब राजनीतिक दलों ने आईएसी के कुछ सदस्यों पर आरोप लगाए तो आईएसी ने आगे बढ़कर एक लोकपाल के गठन की घोषणा कर दी.

फिलहाल आईएसी के तीन कार्यकर्ताओं अंजलि दमानिया, प्रशांत भूषण एवं मयंक गांधी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच लोकपाल को सौंप दिया गया है. कुछ लोगों ने हाल में आईएसी के इन कार्यकर्ताओं पर कुछ आरोप लगाए थे.

इन तीनों कार्यकर्ताओं के खिलाफ लगे सारे आरोप और उनसे जुड़े सभी तथ्य लोकपाल के सामने रखे जाएंगे. इन तीनों व्यक्तियों को भी लोकपाल के समक्ष अपनी सफाई रखने का मौका दिया जाएगा. इसके बाद लोकपाल अपना निर्णय सुनाएंगे जो हर हाल में कार्यकर्ताओं के लिए मान्य होगा.       

आंतरिक पारदर्शिता बहाल करने के लिए लोकपाल का गठन एक अभूतपूर्व कदम है. अभी तक किसी संस्था या राजनीतिक दल ने ऐसी पहल नहीं की है. 

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