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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

दिल्ली से देश नहीं चलना चाहिए: केजरीवाल


एक मज़बूत लोकपाल की मांग को लेकर अन्ना हज़ारे के साथ आंदोलन शुरू करने और फिर अन्ना से अलग होकर एक राजनीतिक पार्टी बनाने वाले अरविंद केजरीवाल का कहना है कि नेताओं ने उन्हें राजनीति में आने पर मजबूर किया है.


अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीन-तीन बार अनशन करने के बाद भी जब सरकार लोकपाल बिल पास नहीं करा सकी तब उनके लिए सिर्फ़ एक ही रास्ता बच गया था कि पूरी सत्ता को उखाड़ फेंकने के बाद ही सुधार हो सकता है.

लेकिन अन्ना का साथ नहीं मिलने पर अफ़सोस जताते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि निश्चित तौर पर उन्हें इसका नुक़सान हुआ है.

केजरीवाल के अनुसार देश में फैले भ्रष्टाचार पर कई तरफ़ से हमला करना पड़ेगा लेकिन उनके और अन्ना के बीच में इस मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं है.

केजरीवाल ने इस बात को स्वीकार किया कि अन्ना आंदोलन की समाप्ति और अचानक से राजनीतिक पार्टी बनाने के फ़ैसले के कारण कई लोग असहज हो गए थे.

"हमने रॉबर्ट वाड्रा के ख़िलाफ़ सबूत दिए. अगर उन सबूतों में थोड़ी सी भी कमी होती तो मीडिया हमें खा जाती लेकिन मीडिया हमारे बजाए सरकार को खा गई. इसका मतलब यह है कि हमारे सबूत पक्के थे."
अरविंद केजरीवाल

लेकिन राजनीतिक पार्टी बनाने के अपने फ़ैसले को उचित ठहराते हुए केजरीवाल ने कहा कि पार्टी बनाने के फ़ैसले के बाद भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन और सशक्त हो गया है.

पार्टी बनाने का फ़ैसला पहले से तय रणनीति का हिस्सा था इस आरोप को नकारते हुए केजरीवाल का कहना था, ''जो लोग कहते हैं कि पहले से सोचा हुआ था कि राजनीति में आएंगे, तो दो साल बाद की भविष्यवाणी करना ऐसे ज़िंदगी चलती नही है.''

ये पूछे जाने पर कि कई बड़े लोगों के ख़िलाफ़ आरोप लगाने का उद्देश्य कोई सस्ती लोकप्रियता हासिल करना तो नहीं है, केजरीवाल ने कहा कि वे सबूत के आधार पर बातें करते हैं.

केजरीवाल कहते हैं, ''हमने रॉबर्ट वाड्रा के ख़िलाफ़ सबूत दिए. अगर उन सबूतों में थोड़ी सी भी कमी होती तो मीडिया हमें खा जाती लेकिन मीडिया हमारे बजाए सरकार को खा गई. इसका मतलब यह है कि हमारे सबूत पक्के थे.''

उन्होंने कहा कि और कई बड़े लोगों के खिलाफ़ उनके पास सबूत हैं जो वो आने वाले समय में सार्वजनिक करेंगे.

"दिल्ली से देश नहीं चलना चाहिए और हर गांव अपने आप में एक देश होना चाहिए."
अरविंद केजरीवाल

लेकिन उन्होने ये भी कहा कि सरकार कभी भी इन मामलों की जांच नहीं करवाएगी और वो केवल देश की जनता के मन में बैठे डर को निकालने के लिए उन सबूतों को सार्वजनिक कर रहे हैं.

केजरीवाल के अनुसार उनके आंदोलन का सबसे बड़ा प्रभाव यह हुआ है कि जो लोग पहले ये कहते थे कि इस देश का कुछ नहीं हो सकता है वे अब कहने लगे हैं कि कुछ तो बदलाव हो सकता है.

बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य देश का प्रधानमंत्री बनना नहीं बल्कि सत्ता का विकेंद्रीकरण करना है.

केजरीवाल के अनुसार दिल्ली से देश नहीं चलना चाहिए और हर गांव अपने आप में एक देश होना चाहिए.

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