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बवाना जेल में केजरीवाल साथियों के साथ बंद


केजरीवाल समर्थकों सहित हिरासत में लिए गए

अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। आज उन्होंने कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के घर का घेराव करने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने केजरीवाल सहित उनके समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल ने मांग की कि जो एऩजीओ सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद चलाती उसमें विकलांगों के लाखों रुपए का गमन हुआ है। इसको देखते हुए सलमान खुर्शीद को मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। खबरिया चैनल आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में यह बात सामने आई थी कि सलमान खुर्शीद के एऩजीओं डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्‍ट ने अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर से फर्जी शिविरों का आयोजन दिखाकर लाखों रुपये का गबन किया है।

राजनीतिज्ञ अरविंद केजरीवाल और राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के 300 सदस्यआज सुबह प्रधानमंत्री निवास की ओर कूच करने के लिए जनपथ पर जमा हुए। लेकिन जैसे ही उन्होंने राजपथ को पार किया उन्हें पुलिस ने रोक लिया। अरविंद अपनी टीम के साथ वहीं राष्ट्रीय अभिलेखागार के पास बैठ गए हैं। उनका कहना था कि जब तक प्रधानमंत्री उनसे बात करने को तैयार नहीं होते वे वहीं बैठे रहेंगे। केजरीवाल का कहना था कि इसे लोकतंत्र नहीं कहते हम इस बात को चुनौती देते हैं। हम तब यहां बैठे रहेंगे जब तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हमसे मिलने को राजी और सलमान को बाहर का रास्ता नहीं दिखा देते। लेकिन जल्द ही पुलिस ने उनसे सड़क खाली करने को कहा ऐसा न करने पर केजरीवाल और उनके समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया। 

खबरिया चैनल आजतक ने अपने स्टिंग ऑपरेशन धृतराष्ट्र में इस बात का खुलासा किया था कि कैसे सलमान खुर्शीद के एऩजीओं डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्‍ट ने अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी शिविरों का आयोजन कर विकलांग लोगों को मिलनेवाली सहायता के लाखों रुपए का गबन किया है। आजतक ने एक हलफनामें का जिक्र भी किया है। इसके अनुसार सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद ने जेबी सिंह का एक हलफनामा देते हुए कहा है कि 2009-10 में जब वो मैनुपरी के सीडीओ थें तो उन्‍होंने डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्‍ट के शिविर का उद्घाटन किया था और चेक लिस्‍ट पर भी उनके हस्‍ताक्षर हैं। मौजूदा समय में जे बी सिंह लखनऊ विश्‍वविद्यालय में रजिस्‍टार हैं। चैनल ने जब जे बी सिंह से इस हलफनामे के विषय में पूछा तो सारी कहानी ही पलट गई। जे बी सिंह ने कहा कि यह हलफनामा फर्जी है। मैंने कोई हलफनामा नहीं दिया है और ना ही मैंने कोई शिविर का उद्घाटन किया था। इसके बाद से एनजीओं संदेह के घेरे में है।

केजरीवाल ने बताया कि वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के आरोपों से संबंधित एक पत्र देना चाहते थे। लेकिन प्रधानमंत्री ने मिलने से मना कर दिया। इतना अब तो निश्चित है कि अरविंद सरकार के लिए सबसे बड़े विपक्ष के तौर पर खड़े हो गए हैं। वह किसी भी मुद्दे पर सरकार को घेरने में जरा भी देरी नहीं करते। अरविंद सरकार के लिए ही नहीं बल्कि विपक्षी दल भाजपा के लिए भी आगे चलकर परेशानी खड़ी करने वाले हैं।
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