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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

केजरीवाल जल्द करेंगे और खुलासे


नई दिल्ली : राजनीति के आंगन में खुलासे के पटाखों की आतिशबाजी अभी जारी रहेगी। अरविंद केजरीवाल  और 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' [आइएसी] के उनके सहयोगियों के पास इस लिहाज से अच्छा-खासा गोला बारूद भी हाथ लग गया है। हालांकि राजनीतिक रणनीति के लिहाज से वे सबसे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और यहां के अन्य नेताओं को ही निशाना बनाना चाहते हैं।

सूत्रों के मुताबिक रॉबर्ट वाड्रा के साथ शुरू हुए इस सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए इंडिया अगेंस्ट करप्शन के हाथ पर्याप्त सामग्री लग चुकी है। इसमें वाड्रा मामले को आगे बढ़ाने के लिए भी कुछ तथ्य हैं। चुनावी मैदान में पार्टी की पहली परीक्षा दिल्ली में होनी है। लेकिन अब तक के खुलासे का यहां की शीला दीक्षित सरकार पर सीधा असर होता नहीं दिख रहा। इसलिए इनका जोर मुख्यमंत्री और उनके सांसद पुत्र संदीप दीक्षित पर है। बताते हैं कि दिल्ली से कांग्रेस के सांसद महाबल मिश्रा और कपिल सिब्बल के खिलाफ तो काफी सुबूत मिल भी चुके हैं। लेकिन प्राथमिकता राज्य सरकार के मंत्री और यहां की दोनों प्रमुख पार्टियों के विधायक हैं। दिल्ली में बिजली कंपनियों के साथ राज्य सरकार की साठगांठ का मुद्दा पहले से ही इनके एजेंडे में है।

आइएसी के मुंबई प्रमुख मयंक गांधी भी मानते हैं कि आने वाले समय में कई खुलासे और हो सकते हैं। वह कहते हैं, 'हमारे पास पूरे देश से नेताओं के भ्रष्टाचार के सुबूत आ रहे हैं। लेकिन इस समय तो वाड्रा और भाजपा अध्यक्ष गडकरी के मामले में मीडिया खुद लगातार खुलासे कर रहा है। ऐसे में ज्यादा जल्दबाजी नहीं की जा सकती। हम उचित समय पर इन तथ्यों को लोगों के सामने रखेंगे।' पहले से घोषित कार्यक्रमों की वजह से भी नए खुलासे में देरी हो सकती है। एक नवंबर को जहां आइएसी ने केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के गृह क्षेत्र फर्रुखाबाद में उनके खिलाफ रैली बुलाई है।

मंगलवार को हरियाणा में किसान रैली की जा रही है। इसी तरह दिल्ली में बिजली घोटाले के खिलाफ तीन नवंबर की शाम सात से आठ बजे तक लोगों से अपने घरों की बिजली बंद रखने की अपील की गई है। चार नवंबर को मुख्यमंत्री के घर का घेराव किया जाना है।

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