कौशांबी, 10 अक्टूबर. इंडिया अगेंस्ट करप्शन के दिल्ली के बहुत से सक्रिय कार्यकर्ता आज आईएसी के कौशांबी दफ्तर आए थे. उन्होंने दिल्ली में चल रहे बिजली सत्याग्रह की प्रगति से आईएसी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को अवगत कराया. बहुत से कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के लोगों के मन में बिजली सत्याग्रह को लेकर उठ रही शंकाएं अरविंद केजरीवाल को बताईं.
आईएसी कार्यकर्ताओं से दिल्ली की जनता ने कई आशंकाएं जताई थीं. एक प्रश्न जो कई लोगों ने उठाया वह इस सत्याग्रह के मकसद से जुड़ा था. कार्यकर्ताओं ने बताया कि बहुत से लोग ऐसे आरोप लगा रहे हैं कि आईएसी बिजली के कनेक्शन जोड़कर राजनीति कर रही है. बिजली के कनेक्शन जोड़कर कानून तोड़े जा रहे हैं इसकी वजह से वे परिवार परेशानी में आ जाएंगे जिनके कनेक्शन जोड़े जा रहे हैं जो ठीक नहीं है.
इसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा," गांधीजी ने देश के बहुत से कानून तोड़े थे क्योंकि वे कानून अंग्रेजों ने बनाए थे. वे जनता का भला करने वाले नहीं बल्कि जनता का शोषण करने वाले कानून थे. गांधीजी ने उन कानूनों को तोड़कर देशभक्ति की थी. बिजली कंपनियों ने जो कानून बनाएं हैं वे भी जनता का शोषण कर रहे हैं. हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसे शोषक कानूनों की अवहेलना करें. अगर आप अन्याय के खिलाफ लड़ते हैं तो समाज आपके पीछे खड़ा होगा लेकिन अगर किसी गलत वजह से कानून तोड़ते हैं तो समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा. सविनय अवज्ञा का अर्थ है समाज में अच्छे कार्यों के लिए प्रयास करना. हम यही कर रहे हैं."
अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे केवल उन लोग से अपने अनाप-शनाप बिल का भुगतान रोकने का अनुरोध करें जो उसे चुकाने में असमर्थ हैं. जो लोग बिलों का भुगतान कर सकते हैं और वे स्वेच्छा से भुगतान करना चाहते हैं तो उनसे भुगतान रोकने का अनुरोध नहीं किया जाएगा. यह लोगों को तय करना है कि हमारा बिजली सत्याग्रह उनके हक में है या नहीं.
आईएसी के बिजली सत्याग्रह को लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. लोगों के घरों के बिजली के कटे कनेक्शन जोड़ने और बिजली के बिलों की सामूहिक रूप से पूरी दिल्ली में होली जलाई जा रही है. आईएसी ने ऐलान किया है कि अगर शीला दीक्षित सरकार बिजली के बढ़े बिल 3 नवंबर तक वापस नहीं लेती तो 4 नवंबर को शीला दीक्षित के आवास का घेराव किया जाएगा.