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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

260 उम्मीदवारों पर औरतों के खिलाफ आपराधिक कृत्यों के आरोप हैं


जबकि पूरा देश बढती जा रही बलात्कार की निर्मम घटनाओं से क्षुब्ध है न ही सत्ताधारी दल और न ही विपक्ष और सहयोगी दल किसी भी कठोर कानून के पक्ष में खड़े दिख रहे हैं, इसमें कोई आश्चर्य की बात नही है, 6 MLA पर बलात्कार के निश्चित मामले और 36 MLA पर औरतों के खिलाफ अपराध के निश्चित मामले हैं 27 उम्मीदवारों पर बलात्कार के आरोप हैं,फिर भी 5 वर्ष से चुनाव लड़ रहे हैं और 260 उम्मीदवारों पर औरतों के खिलाफ आपराधिक कृत्यों के आरोप हैं अगर ये दल इतने गंभीर थे तो सबसे पहला कार्य इन आपराधिक छवि वाले पार्टी सदस्यों को निष्कासन करती जब संसद में कानून बनाने वाले और उन्हें पास करने वाले ही इन अपराध में लिप्त हैं,तो हम कैसे उनसे कड़े कानून की उम्मीद कर सकते हैं इसलिए वक़्त आ गया है की आम आदमी अपने हक की लड़ाई लड़े और ऐसे क़ानून लाये जो इन अपराधियों को अपनी जगह पहुंचा दे.

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