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पाकिस्तान मामले में मनमोहन सिंह ने एक हफ्ते बाद चुप्पी तोड़ी

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जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान की तरफ से सीज फायर तोड़ने और भारतीय सैनिकों की बर्बर हत्या के मामले में सरकार ने तेवर कड़े कर लिए हैं। इस मामले में जहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक हफ्ते बाद चुप्पी तोड़ी, वहीं विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी पाक को कड़ी चेतावनी दे डाली। मंगलवार को जारी बयान में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान से दो टूक कहा कि इस तरह की घटनाओं से दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं बने रह सकते। उन्होंने पाकिस्तान से दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है।

'अपनी गलती माने पाक' 
प्रधानमंत्री ने LoC पर भारतीय सैनिकों की बेरहमी से हत्या करने और एक जवान का सिर काटने की घटना के एक हफ्ते बाद बयान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हालात की गंभीरता को समझनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी गलती माने और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करे। पीएम ने कहा, 'इस तरह की घटनाओं से दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ेगा। अगर पाकिस्तान इस घटना पर ऐक्शन नहीं लेता है, तो भारत के साथ उसके संबंध पहले जैसे नहीं रह पाएंगे।'

गौरतलब है कि इससे पहले एयर फोर्स प्रमुख एयर चीफ मार्शल एन.ए.के. ब्राउन और आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह ने भी पाकिस्तान की कार्रवाई के खिलाफ सख्त बयान दिया था। एयरचीफ मार्शल ने कहा था कि अगर पाकिस्तान नहीं माना, तो भारत को दूसरे विकल्पों पर विचार करना पड़ सकता है। आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह ने भी कहा था कि पाकिस्तान के रवैये पर भारत को भी सख्त रुख अपनाना चाहिए।

वीजा समझौता टला
एलओसी पर हुई घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर असर पड़ता भी दिख रहा है। वाघा के रास्ते भारत आने वाले सीनियर सिटिजंस को वीजा देने पर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते को आज से लागू होना था, लेकिन इसे टाल दिया गया है। एलओसी पर बने तनाव के बाद से भारत ने भी अपने रुख में एकदम से बदलाव किया है। इससे पहले गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ हुए वीजा समझौते पर पुनर्विचार नहीं होगा। हालांकि भारतीय ऑफिशल्स ने कहा कि आखिरी मौके पर किसी तकनीकी मामले की वजह से यह समझौता लागू नहीं हो पाया।

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