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पॉलिटिक्स की वजह से लेट हुआ परमाणु परीक्षण : डा. एपीजे अब्दुल कलाम



कलाम
नई दिल्ली। 'भारतीय मिसाइल तकनीक' के जनक और पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने इस बात का खुलासा किया है कि पोखरण परमाणु विस्फोट से पहले दुनिया भर के जासूसों का ध्यान बांटने के लिए भरपूर मिसाइलें, रॉकेट और बम का इस्तेमाल किया गया था। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 1998 में किया गया परमाणु परीक्षण दरअसल दो वर्ष पहले 1996 में ही किया जाना था लेकिन बदले राजनीतिक समीकरणों के कारण यह नहीं हो सका।

भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) द्वारा बीते गुरुवार को दिल्ली में आयोजित '7वें आर एन काव मेमोरियल लेक्चर' में कलाम ने इस बात का खुलासा किया कि 1998 की गर्मियों में पोखरण परमाणु विस्फोट से दो दिन पहले दुनिया भर के जासूसों का ध्यान बंटाने और उन्हें छकाने के लिए भारत ने सुनियोजित तरीके से मिसाइलों, रॉकेट और बम का इस्तेमाल किया|

तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के नेतृत्व में कलाम ने 1998 में पोखरण में एक के बाद एक पांच परमाणु परीक्षण किए थे और उसके बाद दुनिया भर में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। कलाम ने परमाणु परीक्षण से पहले के बैचेनी भरे दिनों को याद करते हुए कहा कि डीआरडीओ और उनके दल ने पूरी गोपनीयता के साथ परीक्षण को सफल बनाने के लिए देर-देर तक काम किया|

कलाम ने बताया, "परीक्षण के एक दिन पहले कई एजेंसियां एक्टिव मोड में थीं और अपने-अपने काम को अंजाम दे रही थीं। अगले दो दिन चांद बिल्कुल छुपा रहने वाला था और रातें अंधेरी होने वाली थीं। उस समय चांदीपुर फ्लाइट टेस्ट रेंज से एक के बाद एक 12 त्रिशूल मिसाइलें लांच की गईं। हर दो घंटे में एक मिसाइल लांच की गई। अग्नि मिसाइल की लांचिंग की तैयारियां भी तेज कर दी गईं।"

कलाम के मुताबिक, पोखरण में विस्फोट से दूर पिनाका जैसे रॉकेट छोड़े गए। इसके अलावा वायुसेना के विमानों ने रनवे विध्वंस करने का अभ्यास भी उसी दौरान शुरू कर दिया। इसके अगले दिन पता चला कि भारत ने तीन परमाणु परीक्षण किए हैं। अगले दिन दो और परीक्षण किए गए। कलाम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहा राव ने उन्हें बुलाकर परमाणु परीक्षण की तैयारी करने को कहा।

इसके दो दिन बाद ही 1996 के आम चुनाव के नतीजे घोषित होने वाले थे। चुनाव के परिणाम घोषित होने से दो दिन पहले ही उनके पास तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का फोन आया और उन्होंने तुरंत मिलने के लिए उन्हें अपने पास बुलाया। इसके तुरंत बाद कलाम अपने दो साथियों के साथ राव के पास पहुंचे तो उन्होंने दो दिन में परमाणु परीक्षण करने के लिए तैयार रहने का निर्देश कलाम को दिया।

कलाम उस वक्त रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहाकार थे लेकिन दो दिन बाद जब चुनाव परिणाम कांग्रेस के अनुरूप नहीं आए और कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई तो देश की राजनीतिक परिस्थितियां बदल गई। नतीजे राव के खिलाफ गए तो उन्होंने फिर कलाम को बुलाया और परीक्षण के बारे में भावी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को ब्रीफ करने को कहा ताकि इतना महत्वपूर्ण फैसला सत्ता परिवर्तन के बाद भी कहीं अटक न जाए। कलाम ने कहा कि यह घटना एक देशभक्त राजनेता की परिपक्वता और पेशवर रवैये को दर्शाती है जो यह समझता है कि देश राजनीति से कहीं ऊपर है।

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