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दिल्ली गैंगरेप पीड़िता का आखिरी रिजल्ट आया, प्रथम स्थान के साथ 73% अंक प्राप्त किए हैं!


आज भी जब 16 दिसंबर का दिन याद आता है तो रूह कांप जाती है। अब यह कभी नहीं पता नहीं चल पाएगा कि दामिनी इन परीक्षा में इतने अच्छे मार्क्स आने पर कितनी खुश होती! दामिनी साईं इन्स्टीट्यूट, देहरादून से  फिजियोथेरेपी की पढ़ाई कर रही  थी। अपनी ज़िंदगी की अंतिम परीक्षा में प्रथम स्थान के साथ उसने 73% अंक प्राप्त किए। फिजियोथेरेपी विभाग के हेड हरीश अरोरा ने कहा, "दामिनी ने बहुत अच्छे अंक प्राप्त किए हैं, एवरेज अंक तो 55-65 प्रतिशत ही आए हैं।" उसके कुछ अन्य अध्यापकों ने कहा कि उसने ‘एक्सीलेंट’ मार्क्स हासिल किए। जाहिर है, वह काफी प्रतिभाशाली थी। पर गैंगरेप का शिकार होने के बाद उसने मौत से जूझने की भरपूर कोशिश की। वैसे, उसकी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उसके जीने की आशा कम ही रह गई थी। आखिरकार 29 दिसंबर को सिंगापुर के अस्पताल में उसका निधन हो गया। उसने 6 विषयों में 1100 में से 800 अंक प्राप्त किए हैं।

जब इतने अच्छे अंक प्राप्त करने की बात उसके माता-पिता को बताई गई तो कुछ क्षणों के लिए तो वे चुप हो गए। तत्काल वे कुछ कह नहीं पाए। कुछ समय बाद उसके पिता ने कहा," यह बहुत अच्छा है। परंतु हमारी खुशियां गम की छाया में दब गई हैं। मैं अब बस यही उम्मीद कर सकता हूं कि मेरे अन्य दोनों बच्चे दामिनी से प्रेरित हों और यही रास्ता अपनाएं।" 

हरीश अरोरा ने कहा कि दामिनी ने फिजियोथेरेपी ऑर्थोपेडिक्स में 200 में से 124 अंक, फिजियोथेरेपी न्यूरोलोजी में 200 में से 147 अंक,  फिजियोथेरेपी कॉर्डियोलोजी में 200 में से 151 अंक, फिजियोथेरेपी मेडिसिन में 200 में से 144 अंक, बायोस्टेटिक्स में 100 में से 74  तथा क्लिनिकल प्रोजेक्ट में 200 में से 160 अंक प्राप्त किए।  एक अध्यापक ने कहा," यह दिखाता है कि वह बहुत ही मेहनती छात्रा थी। वह फिजियोथेरेपी में करियर बनाने के लिए बहुत ही गंभीर थी।"  

साईं इन्स्टीट्यूट ने घोषणा की है कि वह दामिनी के परिवार को 1,80,000 का एक चेक देंगा, क्योंकि मैनेजमेंट ने दामिनी की 4 साल की पूरी फीस वापस करने का फैसला लिया है। हरीश अरोरा ने कहा," यह पैसे दामिनी के किसी परिवार वाले को एक समारोह में दिए जाएंगे। दामिनी को श्रद्धांजलि देने के लिए देहरादून के परेड मैदान में एक कार्यक्रम आयोजित होगा। हमें विश्वास है कि उसके परिवार से कोई न कोई जरूर आएगा। यदि वे पैसे लेने से मना कर देते हैं तो ये पैसे उन लड़कियों की शिक्षा के लिए उपयोग किए जाएंगे जो गरीब परिवारों से हैं।"

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