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दिल्ली गैंगरेप: मामला फास्ट ट्रैक अदालत के हवाले

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में एक चलती बस में 23 वर्षीय युवती से सामूहिक बलात्कार मामले को सुनवाई के लिए गुरुवार को फास्ट ट्रैक अदालत को सौंप दिया गया। मामले में सुनवाई 21 जनवरी से शुरू होगी।

अडिशनल सेशन जज योगेश खन्ना पांच आरोपियों के खिलाफ मामले की सुनवाई करेंगे। जस्टिस खन्ना फास्ट ट्रैक अदालत के प्रमुख हैं। मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट नम्रता अग्रवाल ने सेशन जज को मामला सौंपा। मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट ने बंद कमरे में कार्यवाही का संचालन किया था और सभी आरोपियों को मामले के संबंध में दस्तावेज मुहैया कराए गए।

बचाव पक्ष के वकील एम शर्मा, वीके आनंद, विवेक शर्मा तथा एपी सिंह ने अदालत परिसर के बाहर संवाददाताओं को बताया कि उन्हें चार्जशीट की ई चालान प्रतियां भी मिली हैं और मामले से संबंधित सभी दस्तावेज उन्हें दिए गए हैं।

वकीलों ने यह भी बताया कि अदालत ने अभियोजन पक्ष की आरोपियों को हथकड़ी लगाकर लाए जाने की अपील को भी खारिज कर दिया। अदालत ने इससे पहले दस्तावेजों की जांच के लिए गुरुवार तक का समय तय किया था। इस काम को पूरा कर लिया गया है। पांचों आरोपियों बस चालक राम सिंह, उसके भाई मुकेश, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय सिंह को अदालत के समक्ष पेश किया गया। मामले में छठा आरोपी नाबालिग है और उसके मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड कर रहा है।

इस मामले में 16 दिसंबर 2012 की रात को दिल्ली में एक चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा के साथ नृशंस तरीके से बलात्कार किया गया था। 13 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद पीड़िता ने 29 दिसंबर को सिंगापुर में एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था।


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