रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कई न्यूज चैनलों को नोटिस भेजा है. मुकेश अंबानी तमाम न्यूज चैनलों द्वारा एक्टिविस्ट अरविंद केजरीवाल एवं एडवोकेट प्रशांत भूषण के प्रेस कांफ्रेंस के आधार पर रिलायंस समूह पर आरोप लगाए जाने से खासे नाराज हैं. अरविंद केजरीवाल ने बीते वर्ष अक्टूबर तथा नवम्बर में प्रेस कांफ्रेंस करके रिलायंस समूह पर कई आरोप लगाए थे, जिसे कई हिंदी तथा अंग्रेजी चैनलों ने लाइव प्रसारित किया था.
मुकेश अरविंद एवं प्रशांत के आरोपों के आधार पर इन चैनलों द्वारा रिलायंस कंपनी को कटघरे में खड़ा किए जाने से गुस्सा हैं. इन दोनों ने आरोप लगाया था कि रिलायंस ने केजी बेसिन में गड़बड़ी की है. जबकि अपने दूसरे प्रेस कांफ्रेंस में इन्होंने आरोप लगाया था कि मुकेश अंबानी एवं अनिल अंबानी का स्विस बैंक में काला धन जमा है. रिलायंस समूह की ओर से एएस दयाल एंड एसोसिएटस ने नोटिस भेजा है. सात पेज के इस नोटिस को दिसम्बर के मध्य कई चैनलों को भेजा गया है.
हालांकि अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या मुकेश अंबानी उन अखबारों को भी नोटिस भेजेंगे, जिनमें इस आधार पर रिलायंस के खिलाफ खबरें प्रकाशित हुई हैं. चैनलों को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि वे अरविंद केजरीवाल के आरोपों के आधार पर लाइव दिखाने के लिए बिना शर्त माफी मांगे तथा इस बारे में स्थिति स्पष्ट करें. नोटिस में कहा गया है कि चैनलों द्वारा बिना किसी जांच पड़ताल के इन खबरों को दिखाए जाने से उनकी काफी मानहानि हुई है.
मुकेश सबसे ज्यादा नाराज इस बात को लेकर हैं, जिसमें कहा गया है कि देश की दो बड़ी पार्टियां कांग्रेस एवं बीजेपी उनके पॉकेट में हैं. नोटिस में कहा गया है कि अगर चैनल नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि रिलायंस समूह का सीएनएन-आईबीएन तथा आईबीएन7 में स्टेक हैं. ईटीवी की खरीद में भी रिलायंस समूह की बड़ी हिस्सेदारी है.
रिलांयस समूह के अधिवक्ता द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि -
- प्रेस कांफ्रेंस में जो आरोप लगाए गए उसके लिए आपके टीवी चैनल ने एक बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध कराया, जिससे एक बड़े वर्ग में रिलायंस के प्रति गलत और मानहानिकारक संदेश गया.
- प्रेस कांफ्रेंस के लाइव टेलीकास्ट ने अखबारों के लिए बड़ी मात्रा में मानहानिकारक सामग्री उपलब्ध कराई.
- दोनों मौकों पर हुए लाइव टेलीकास्ट को सही तथ्यों की जांच-पड़ताल किए बिना प्रसारित किया गया, इन बयानों की सत्यता भी जांची-परखी नहीं गई.
- इन प्रेस कांफ्रेंस को लाइव दिखाने के बाद, प्रेस कांफ्रेंस में लगाए गए आरोपों के आधार पर आपके चैनल ने कई खबरें तथा बहस अपने यहां प्रसारित किया, इसके कई मानहानिकारक अंश (फुटेज) भी प्रसारित किए गए.