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शीला दीक्षित का मार्च ढकोसला: AAP

नई दिल्ली दिल्ली गैंगरेप के खिलाफ दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बुधवार को शांति मार्च में हिस्सा लेने पर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने सवाल उठाया है. AAP ने सीएम शीला दीक्षित पर गैंगरेप मामले में सियासत करने का आरोप लगाया है. पार्टी ने कहा है कि शीला दीक्षित गैंगरेप मामले में दोहरा रवैया अपना रही है और दिल्ली की सरकार महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. पार्टी का कहना है कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री गैंगरेप के खिलाफ शांति मार्च निकालती हैं, वहीं दूसरी ओर महिलाओं की गरिमा के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं करती. पार्टी ने 2006 में घटित एक घटना का जिक्र किया है. 2006 में दिल्ली जलबोर्ड के एक ठेकेदार के साथ काम करने वाली युवती के साथ जल बोर्ड के ही तीन सीनियर अधिकारियों ने रेप किया था और एमएमएस बना लिया था. ये अधिकारी उस युवती को एमएमएस की आड़ में ब्लैकमेल करते थे. पीड़ित जब एमएमएस की सीडी मांगने के लिए जल बोर्ड के दफ्तर गई तो बोर्ड के चीफ इंजीनियर बीएम ढल ने लड़की से बंद कमरे में छेड़खानी की और उसे जबर्दस्ती एमएमएस की सीडी भी दिखाई. लड़की ने न्याय के लिए हर चौखट पर दस्तक दी मगर उसकी सुनवाई नहीं हुई. आखिरकार अदालत के निर्देश पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई. अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पीड़ित लड़की ने कई बार मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को खत लिखकर आरोपी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, मगर उस लड़की की नहीं सुनी गई. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित खुद दिल्ली जल बोर्ड की अध्यक्ष हैं. शीला दीक्षित आरोपी अधिकारियों को सस्पेंड करना तो दूर रहा, उल्टे उसमें से एक आरोपी बीएम ढल को प्रमोशन देकर दिल्ली जल बोर्ड का सदस्य बना दिया. AAP का कहना है कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को गैंगरेप के खिलाफ शांति मार्च निकालने का कोई हक नहीं है. मुख्यमंत्री को अपना दोहरा रवैया छोड़ना चाहिए.
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