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गुवाहाटी प्रकरण : टीम अन्ना के सदस्य ने कांग्रेस पर लगाये आरोप


गुवाहाटी में मासूम लड़की के साथ हुई छेड़छाड़ के प्रकरण में टीम अन्ना के सदस्य ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यूथ काग्रेस का एक नेता भी छेड़खानी और मारपीट की घटना में शामिल है। गोगोई ने कहा कि इस संबंध में उनके पास सबूत भी है। उनके पास एक वीडियो है जिसे वह डीजीपी को सौंपने के बाद सबके सामने लाएंगे। गोगोई ने माग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जाच मुख्यमंत्री या राज्य सरकार नहीं करा सकती है लिहाजा इसकी जाच सीबीआई को सौंपनी चाहिए। दूसरी ओर, पूरे मामले की जाच के लिए महिला आयोग की टीम आज गुवाहटी पहुंच गई है। 


लिस इस मामले में अभी तक सभी आरोपियों को तो पकड़ नहीं सकी और उल्टा संवेदनहीनता दिखाते हुए उल्टे-सीधे बयान दे रही है। डीजीपी जयंत चौधरी ने कहा कि पुलिस कोई एटीएम मशीन नहीं है कि मशीन में कार्ड डालते ही मौके पर पहुंच जाए। उनके इस बयान ने पहले से ही सकते में पड़े देश को और हैरत में डाल दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम को उन्हें सार्वजनिक फटकार लगानी पड़ी। मीडियाकर्मियों द्वारा डीजीपी के इस बयान की ओर ध्यान खींचे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि किसी को भी इस घटना को हल्के में नहीं लेना चाहिए और न ही ऐसा कुछ कहना चाहिए जिससे इस घटना की गंभीरता कम हो। इस प्रकरण के पाच दिन बाद भी पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी में खास सफलता नहीं मिली है। अभी तक चार को छोड़ बाकी सभी आरोपी खुले घूम रहे हैं। मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने शुक्रवार को इन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 48 घटे का अल्टीमेटम दिया है।

-यह छेड़छाड़ नहीं, गैंगरेप जैसा खौफनाक था : एक नाबालिग लड़की पर टूट पड़े वहशी दरिंदों की करतूत को कैमरे में कैद करने की हिम्मत दिखाने वाले मीडियाकर्मी दीप्य बोरदोलोई से जब सोमवार की इस आंखों देखी घटना के बारे में पूछा गया तो उनके पहले लफ्ज थे,'यह छेड़छाड़ नहीं सामूहिक दुष्कर्म जैसा वाक्या था।' गुवाहाटी में एक स्थानीय चैनल न्यूजलाइव के रिपोर्टर दीप्य ने दावा किया कि उन्होंने लड़की को छोड़ने की कई बार गुहार लगाई, लेकिन उन उन्मादी युवकों ने एक न सुनी। उन दुस्साहसी युवकों की भीड़ बढ़ती गई। युवकों के उग्र तेवरों को देख दीप्य ने कैमरामैन से इन शर्मसार करने वाली तस्वीरों को कैद करने का इशारा किया। सोमवार रात को शहर के भीड़ भरे इलाके में फर्राटा भरती गाड़ियों के बीच यह सबकुछ हो रहा था। पीड़िता चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन कोई उसके बचाव में आगे नहीं आया। कुछ राहगीर तमाशबीन बनकर देखते रहे, मगर किसी ने नशे में धुत उन युवकों को रोकने की कोशिश नहीं की। आरोपियों ने लड़की का चेहरा कैमरे की ओर करने की कोशिश भी की, जैसे वह कोई बहादुरी का काम कर रहे हों। घटनास्थल से एक किमी दूर पुलिस स्टेशन होने के बावजूद पुलिसकर्मी 40 मिनट बाद वहां पहुंचे। असंवेदनशीलता में डूबी पुलिस इंटरनेट पर वीडियो देखकर भड़के लोगों के गुस्से के बाद ही नींद से जागी।
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