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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

अन्ना ने पद्मभूषण लौटाने की धमकी दी

इससे पहले अन्ना हजारे ने पद्मभूषण सम्मान लौटाने की धमकी दी है। केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने मौजूदा राजनीति की तुलना गंदी नदी से कर डाली। हजारे ने समर्थकों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अनशन स्थल पर अब यदि शब्दों से भी हिंसा हुई तो आंदोलन वापस ले लिया जाएगा। उन्होंने सरकार के प्रतिनिधियों, यहां तक कि प्रधानमंत्री से भी बात नहीं करने का ऐलान किया।

गांधीवादी नेता ने कहा कि सरकार से मिले सम्मानों पर बार-बार सवाल किया जाता है। लेकिन मैं मांगने नहीं गया था, उन्होंने दिया। पद्मश्री वापस किया, तब महाराष्ट्र में शरद पवार की कुर्सी गई थी। उन्होंने घोषणा की कि समय आने पर इसी मंच से पद्म भूषण भी वापस कर दूंगा। देशवासियों ने हमें जो पुरस्कार दिया है, वही अनमोल है।

आंदोलन के भविष्य पर उन्होंने कहा कि यह तभी थमेगा, जब राजनीति की गंदी नदी साफ हो जाएगी। बाढ़ आने का इंतजार कर रहा हूं। बाढ़ आई और नदी साफ होगी। जन लोकपाल भी तभी आएगा। इसके साथ ही अन्ना ने पिछले साल की अपनी गिरफ्तारी का षड्यंत्र रचने का आरोप तत्कालीन गृह मंत्री पर लगाया। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि लोक सभा व विधान सभा की जननी ग्राम सभा है, सत्ता इसे सौंपनी ही होगी। तभी किसानों के हित में कानून बनेगा।

इससे पहले सुबह अन्ना ने मीडिया के साथ हुए दुर्व्यवहार पर माफी मांगी। अफसोस जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि याद रखें, किसी तरह की हिंसा हुई तो सरकार आंदोलन को कुचल सकती है। ताकत और कानून दोनों सरकार के पास हैं। भविष्य में अगर ऐसी घटनाएं हुई तो मैं तत्काल अनशन समाप्त कर दूंगा। उन्हें अपना काम करने दीजिए, इनसे परेशान होने की जरूरत नहीं। अहिंसा कायम रखिए।

वहीं अरविंद केजरीवाल ने भी मीडिया के साथ दुर्व्यवहार पर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि जनतंत्र संवाद से चलता है। हालांकि उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि मीडिया को तय करना होगा कि वे देश के साथ है या भ्रष्ट लोगों के साथ। सोमवार की रात जंतर-मंतर पर अन्ना समर्थकों और मीडियाकर्मियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई थी। शांति भूषण ने भी मीडिया पर आंदोलन को सही तरीके से पेश न करने का आरोप लगाया था।
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