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रिटेल FDI का कडवा सच

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FDI के नाम पर सरकार ने किसोनो और व्यापारी दोनों का एक साथ ठगने का गिनोना प्लान बनाया है निचे रिटेल FDI के बारे कुछ सरकार के दलीले दी गयी है जू बिलकुल झूट है
1.रिटेल FDI से 1 करोड़ रोजगार पैदा होंगे
- ये बिलकुल झूट हिया क्योंकी वालमार्ट अपने 21 लाख करोड़ के कारोबार में यूरोप और अमेरिका में सिर्फ 21 लाख लोगो को ही रोजगार उपबल्ध करा पायी तो भारत में कैसे 1 करोड़ लोगो को रोजगार देगी .
2.किसानो की आमदानी 30% बढ़ जायेगी
-ये बिलकुल झूट है क्योंकी अगर ऐसी बात होती तो अमेरिका को अपने किसानो को फार्म बिल 2008 के तहत 16 लाख करोड़ की सब्सिडी अपने किसानो को नहीं देनी पड़ती
3.बिचोलिये ख़त्म हो जायेगे
ये तो सरासर झूट है क्योंकी बड़े रीटालारो के कारन बिचोलिये घटते नहीं बल्की बढ़ जाते हैं .इससे नए किस्म के बिचोलिये जैसे गुणवत्ता नियत्रक ,मानकीकरण करने वाले पेकेजींग सलाहाकार, सर्तिफीकेसन एजेंसी आदि रिटेल कारोबार के मुख्य अंग होते है और ये सब किसानो की आमदानी में से ही हिस्सा बांटते हैं
4.मध्यम और छोटे निर्माताओ को लाभ होगा
ये सरकार हमको बेवकूफ समज रही है शायद नहीं तो ऐसी घटिया बात नहीं करती क्योंकी वर्ल्ड बैंक के नियम के अनुसार भारत रिटेलरो को सामन खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकती हैं
5.गरीबी घटेगी
सरकारी की ये भी बड़ी हास्यापद दलील है .क्योंकी अगर वालमार्ट की वजह से गरीब घटती है तो फिर क्यों 2011 में अमेरिका की गरीबी 15% बढ गयी .और दिलचस्प बात है की अमिका के जिन जिन राज्यों में वालमार्ट है वही गरीबी ज्यदा है
असली बात सरकार तू मुझसे सुन अमेरिका में वैश्विकरण के दुस्परिनाम से गरीबी बदती जा रही है और उसकी भरपाई के लिए अब उसकी नज़र भारत पर है .अगर ऐसा नहीं होता तो क्यों स्पेशल हेलरी कीलान्तन ममता नोटंकी से मिलने कलकत्ता जाती और क्यों अमेरिका को भारत में रिटेल FDI लाने में दिलचस्पी है
सोचिये और एक दुसरे के हाथ पकड़कर रोड़ो पर आ जाओ, किसानो और व्यापारियों तो नहीं बर्बाद हो जाओउगे तुम
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