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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

शहीद हम शर्मिँदा है, भ्रष्टाचार अब भी जिँदा है



1857 कि क्रांति के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद मंगल पांङे जी को शत्‌ शत्‌ नमन

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शहीदोँ कि चिता पर लगेँगे हर बरस मैले वतन पर मर मिटने वालो का बस यही निशाँ होगा ।

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शहीद हम शर्मिँदा है भ्रष्टाचार अब भी  जिँदा है
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