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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

टीम अन्ना के स्टेज पर कांग्रेसियों का हंगामा

नई दिल्ली। प्रणव मुखर्जी के देश के 13वें प्रेजिडेंट के रूप में शपथ लेने के बीच टीम अन्ना प्रणव व 14 कैबिनेट मंत्रियों पर करप्शन के आरोपों की जांच की मांग और जन लोकपाल बिल को लेकर जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठ गए हैं। अनशन शुरू होते ही कांग्रेस की स्टूडेंट विंग एनएसयूआई के कुछ कार्यकर्ता वहां धमक गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेसियों ने मंच पर चढ़ने की कोशिश की, लेकन टीम अन्ना समर्थकों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। बाद में उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया।

इस बार अनशन पर टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय बैठे हैं। अन्ना का कहना है कि सरकार ने चार दिन के अंदर मागें नहीं मानीं, तो वह भी आमरण अनशन शुरू कर देंगे।

टीम अन्ना इस बार अपने आंदोलन से पूरे पॉलिटिकल सिस्टम का शुद्धिकरण चाहती है। इसके लिए उसने 14 कैबिनेट मंत्रियों के साथ ही राजनीतिक दलों के प्रमुखों के खिलाफ करप्शन के सभी मामलों की जांच के लिए भी विशेष जांच दल गठित करने की मांग की है।

गौरतलब है कि अन्ना ने पहले खराब सेहत का हवाला देते हुए अनशन पर न बैठने का निर्णय किया था। मंगलवार को दिल्ली पहुंचते ही अन्ना ने टीम के साथ अनशन पर बैठने का ऐलान कर दिया। बाद में टीम के समझाने पर उन्होंने फैसला किया कि वह चार दिन बाद अनशन पर बैठेंगे।

अन्ना हजारे ने कहा कि सुबह 10 बजे राजघाट जाने के बाद जंतर-मंतर पर अनशन शुरू होगा। जब तक मांगें नहीं मानी जातीं तब तक अनशन चलेगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बार हम सरकार के झूठे वादों पर यकीन नहीं करेंगे और समाधान लेकर ही जंतर-मंतर से उठेंगे।
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