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लोकपाल पर सरकार से बात नहीं: अन्ना हजारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर टीम अन्ना में फूट डालने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि वह सरकार से आगे कोई बात नहीं करेंगे और मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन प्रदर्शन जारी रखेंगे.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे तीन पृष्ठों के एक पत्र में अन्ना ने कहा कि वह 25 जुलाई से शुरू होने वाले टीम अन्ना के प्रदर्शन में भाग लेंगे और नौ अगस्त से शुरू होने वाले योगगुरु बाबा रामदेव के आंदोलन में भी शामिल होंगे.

अन्ना हजारे ने कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने उनसे 23 जून को मुलाकात की थी और उन्हें आश्वस्त किया था कि केंद्र सरकार सामाजिक संगठनों ने जैसा सुझाया था, वैसा लोकपाल विधेयक लाने को तैयार है.

उन्होंने कहा, 'खुर्शीद ने मुझसे कहा कि सरकार सभी कनिष्ठ और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों तथा सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को भी लोकपाल के दायरे में लाने को तैयार है.'

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले स्थित अपने गांव में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान अन्ना ने मनमोहन सिंह को लिखे अपने पत्र की प्रति जारी की. इस पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी के इस दावे का खंडन किया कि वह लोकपाल पर आम सहमति बनाने में सरकार की मदद कर रहा था.

अन्ना ने कहा कि नारायणसामी ने उन्हें सोमवार को एक पत्र लिखा था जिसमें खुलेआम लिखा था कि 'मैंने (अन्ना) लोकपाल संबंधी मसले पर सरकार की मदद की है.'

अन्ना ने कहा, 'मैंने किसी भी रूप में सरकार की मदद नहीं की है और खुर्शीद को स्पष्ट रूप से अपनी मांगों के बारे में बताया था. मुझे संदेह है कि खुर्शीद को जो मेरे पास भेजा गया, इसके पीछे सरकार की मंशा शायद यह दिखाने की थी कि मैं बाकी सदस्यों से बात किए बिना सरकार से बात कर रहा हूं.'

उन्होंने कहा कि खुर्शीद ने उनसे मुलाकात की बात गुप्त रखने और प्रधानमंत्री एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बातचीत करने के बाद टीम के सदस्यों से विचार-विमर्श करने को कहा था.

अन्ना ने कहा, 'मैंने खुर्शीद से मुलाकात की बात यह सोचकर गुप्त रखा कि प्रभावी लोकपाल विधेयक लाया जा सके. ऐसा हो जाए तो इससे बेहतर कुछ और नहीं हो सकता. मैंने खुर्शीद से पूछा था कि सरकार सामाजिक संगठन द्वारा प्रस्तावित विधेयक को फिर से कैसे पेश करेगी जब लोकसभा एक विधेयक को पारित कर चुकी है.'

उन्होंने कहा, 'खुर्शीद ने मुझसे कहा था कि 25 जुलाई को आंदोलन शुरू होने से पहले सरकार घोषणा करना चाहती है कि उसने सामाजिक संगठन द्वारा प्रस्तावित विधेयक को स्वीकार कर लिया है. मुझे लगता है कि सरकार हमारे बीच फूट डालना चाहती है और हमने सरकार से आगे कोई बातचीत न करने का फैसला लिया है. हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक एक मजबूत लोकपाल विधेयक पारित नहीं हो जाता.'



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