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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

सरकार भटक गयी है, आंदोलन नहीं:अन्ना हजारे

नई दिल्ली : आमरण अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने सरकार के खिलाफ अपने तेवर कडे करते हुए आज कहा जब तक राजनीति से भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होता, उनका आंदोलन जारी रहेगा.

जंतर मंतर पर अपने अनशन के तीसरे दिन हजारे ने सरकार की इस टिप्पणी पर कडी प्रतिक्रिया की जिसमें कथित तौर पर कहा गया है कि अनशन समाप्त करने का आग्रह करने के लिए सरकार की ओर से उनके पास कोई नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे जीवन में आज तक मुझ पर कोई दाग नहीं लगा है और आप आएंगे (सरकार) तो दाग लगेगा. मंत्रियों को मेरे पास आने की कोई जरुरत नहीं है. जब तक राजनीति की नदियां साफ नहीं हो जाती तब तक मेरा आंदोलन चलता रहेगा.’’

हजारे ने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि आंदोलन भटक गया है, जबकि सच यह है कि सरकार भटक गयी है, आंदोलन नहीं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पद्मश्री लौटा दिया और वक्त आने पर पद्म भूषण भी वापस कर दूंगा. मैं किसी पुरस्कार के लिए यह आंदोलन नहीं कर रहा हूं बल्कि देश के लिए कर रहा हूं. लोकपाल होता तो चिदंबरम जेल में होते. अनशन न न हो इसके लिए उन्होंने तमाम कोशिशें की.’’ उन्होंने एक बार फिर कहा कि ‘लोकपाल आएगा नहीं तो सरकार जाएगी’. अनशन स्थल पर आज भी अन्ना समर्थकों की आज अच्छी मौजूदगी रही.

-शिंदे पर टीम अन्ना ने साधा निशाना-

टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास ने आरोप लगाया कि दो दिन से देश को अंधेरे में रखने वाले बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे को अब सरकार ने गृह मंत्रालय का प्रभार सौंप दिया है. गौरतलब है कि कल उत्तरी ग्रिड में हुयी खराबी को टीम अन्ना ने सरकार की साजिश करार दिया था, जिससे लोग अन्ना के अनशन में शामिल न हो सके.

टीम अन्ना जिन 15 मंत्रियों के खिलाफ एसआईटी गठन की मांग कर रही है, उनमें एक शिंदे भी हैं. विश्वास ने कहा, ‘‘पिछले दो दिन से देश को अंधरे में रखने वाले बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे को अब पी चिदंबरम की जगह गृह मंत्रालय का प्रभार सौंप दिया गया है.’’
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