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भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

माँ भारती के सपूत को शत-शत नमन |

कौन भूल सकता है लोक मान्य तिलक जी का अमूल्य योगदान | जहाँ एक तरफ अंग्रेजों ने आतंक मचा रखा था और भारत माँ गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी हुयी थी, बाल गंगाधर तिलक ने स्वाधीनता के साथ साथ व्यक्ति निर्माण का काम आरम्भ कर दिया था |


इन्होने ही भारत में मनाये जानेवाले छोटे छोटे उत्सवों को बड़ा स्वरुप देने की योजना बनायीं थी | क्या आप जानते हैं हर वर्ष मनाये जानेवाले गणेशोत्सव और रथयात्रा की शुरुआत लोकमान्य ने करवाई थी | यह मीडियावाले आपको लालबाग के गणपति और पूरी की रथयात्रा बताते हैं पर इनके पीछे का सच कभी नहीं बताते |


उस समय गणेशोत्सव में राष्ट्र निर्माण के लिए योजनायें बनायीं जाती थी | इन उत्सवों को मनाने का उद्देश्य लोगों को एक जगह पर इकठ्ठा करना था | पर आज जब गणेश उत्सवों के पंडाल गली-गली देखता हूँ, तो लोकमान्य की कमी महसूस होती है |इस पर हम सब मिलकर सोचेंगे तो अच्छा रहेगा |


माँ भारती के सपूत को शत-शत नमन |
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