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फैशन और कम कपड़े पहनने से होते हैं बलात्कार: अबु आजमी


नई दिल्ली : सामूहिक दुष्कर्म को लेकर संवेदनशील माहौल में भी राजनेता अपने बेतुके बयान पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। अब सपा नेता अबु आजमी ने मंगलवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर पूरी सहमति जताते हुए कहा कि गांव में रेप नहीं होते। आजमी ने शहरों में रेप की बढ़ती घटनाओं के लिए पाश्चात्य जीवन शैली को जिम्मेदार ठहराया। वहीं, इससे पहले जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने इस विवाद पर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि ब्रह्मचर्य का आडंबर फैलाया जा रहा है जबकि सच यह है कि सबको सेक्स की जरूरत है।

अबु आजमी ने महिलाओं को कई नसीहतें भी दीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को गैर मर्दो के साथ बाहर नहीं निकलना चाहिए। आखिर गैर मर्दो के साथ महिलाओं को घूमने की क्या जरूरत पड़ जाती है? आजमी ने कहा कि महिलाओं को गैर मर्दो के साथ घूमने पर रोक लगाने की जरूरत है। आजमी ने कहा कि कम कपड़े पहनने से रेप की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने मोहन भागवत के उस बयान का समर्थन किया के गांव में बलात्कार की घटनाएं कम होती हैं। आजमी ने शहरों में रेप की बढ़ती घटनाओं के लिए पाश्चात्य जीवन शैली को जिम्मेदार ठहराया।

अबु आजमी ने कहा कि महिलाओं को कुछ ज्यादा ही आजादी दे दी गई है। ऐसी आजादी शहरों में ज्यादा है। इसी वजह से रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अविवाहित महिलाओं को गैर मर्दो के साथ घूमने की अनुमति नहीं देती है। अबु आजमी ने कहा कि जहां वेस्टर्न कल्चर का प्रभान कम है वहां रेप के मामले भी कम हैं। आजमी के मुताबिक राजस्थान और गुजरात से रेप के मामले कम आते हैं। आजमी ने महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा के लिए हिंदी सिनेमा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि हिंदी फिल्मों ने न्यूडिटी को बढ़ावा दिया है।

वहीं, जदयू अध्यक्ष शरद यादव यह कहकर उलझ गए कि ब्रह्मचर्य का आडंबर फैलाया जा रहा है जबकि सच यह है कि सबको सेक्स की जरूरत है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के विवाह को कांट्रेक्ट बताने वाले बयान पर जदयू-भाजपा आपस में ही उलझ गई हैं। इसबीच अबू आजमी ने संघ प्रमुख के बयान का समर्थन किया है।

पिछले कुछ दिनों में महिला और समाज को लेकर कई नेताओं के बयानों ने विवाद खड़ा कर दिया है। राजनीतिक दबाव के बाद नेताओं को अपने बयान वापस लेने पड़े। ऐसे में सोमवार को शरद यादव को भी रविवार को दिए बयान पर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा, सेक्स की जरूरत संबंधी बयान को सामूहिक दुष्कर्म मामले से जोड़कर न देखा जाए। वह दुष्कर्म की उस घटना से बहुत दुखी हैं। जल्द ही जस्टिस जेएस वर्मा समिति के समक्ष अपने सुझाव देंगे। बहरहाल उनकी पार्टी के साथ भाजपा नेता भी उनके बयान से असहज हैं।

वहीं, मोहन भागवत के बयान पर जदयू की आपत्ति पर भाजपा भड़क गई है। शरद ने जहां भागवत के बयान को छिछला बताया था, वहीं जदयू प्रवक्ता शिवानंद तिवारी का कहना था कि महिलाओं के प्रति भागवत की सोच उनकी मानसिकता को दर्शाती है। भागवत और नफरत फैलाने वाला भाषण देने के आरोपी एमआइएम के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। एक हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ भड़काता है तो दूसरा मुस्लिमों में हिंदुओं के खिलाफ नफरत का जहर घोलता है। तिवारी की इस तल्ख टिप्पणी पर भाजपा तत्काल बचाव में आई। पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने शरद यादव से आग्रह किया कि वह तिवारी को संयम बरतने को कहें। भाजपा-जदयू के पुराने संबधों की याद दिलाते हुए रविशंकर ने कहा कि कोई बयान देने से पहले यह नहीं भूलना चाहिए।

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