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बलात्कारियों पर दया कर के राष्ट्रपति ने बनाया रिकॉर्ड


राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने खतरनाक हत्यारों, बलात्कारियों पर दया करके 30 हत्यारों की फांसी माफ कर दी है जो कि एक रिकॉर्ड है। जिन 30 अपराधियों की फांसी की सजा आजीवन कारावस में बदली गई है, वे 60 लोगों की निर्मम हत्या के अपराध में सुप्रीम कोर्ट से दोषी ठहराए जा चुके थे और उनमें से 22 ने महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाया था। सरकार ने इन घृणित अपराध के मामलों को भी दया के लायक समझा और इन मामलों को राष्ट्रपति के विचारार्थ भेजा।

तभी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पिछले 28 महीनों में विचाराधीन मामले निपटाने का रिकॉर्ड बना सकीं। लेकिन, शायद इन मामलों के रोंगटे खड़े कर देने वाले ब्योरों की ओर उनका ध्यान नहीं गया।  ताजा मामला सतीश का है जिसकी सजा इसी गुरुवार को कम कर दी गई। सतीश ने 6 साल की बच्ची विशाखा के साथ रेप करके उसकी निर्मम हत्या कर दी थी।

विशाखा की क्षत-विक्षत लाश गन्ने के खेत में पड़ी मिली थी। ऐसा ही एक मामले में धर्मेंद्र सिंह और नरेंद्र यादव ने मिलकर 5 लोगों के एक परिवार को मौत के घाट उतार दिया था। जिन लोगों की हत्या हुई थी उनमें पति-पत्नी और उनके 3 बच्चे शामिल थे। लड़की के साथ रेप भी किया गया था। मामला यह था कि नरेंद्र ने इस घटना से कुछ दिन पहले स्कूल से लौट रही 15 साल की लड़की से रेप करने की कोशिश की थी। वह इसमें कामयाब नहीं हो पाया था।

इससे बौखलाए नरेंद्र ने धर्मेंद्र के साथ मिलकर पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया था। माफी पाने वालों में 6 ऐसे लोग हैं जिन्होंने वहशी अंदाज में 4 लोगों को मौत के घाट उतारा था। इनमे से तीन पीडि़तों का इन लोगों ने सरे आम गला काट दिया था और एक 10 साल के बच्चे को जिंदा ही आग में झोंक दिया था। जिन लोगों को दया मिली है उनमें पंजाब के प्यारा सिंह और उसके 3 बेटे भी शामिल हैं। इन लोगों ने व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण एक शादी के दौरान 17 लोगों की हत्या कर दी थी। 1991 की इस घटना में 4 बच्चे भी मारे गए थे।

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