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इंडिया गेट पर बवाल, प्रदर्शन हिंसक हुआ, पत्थरबाजी और आगजनी


नई दिल्ली : पिछले रविवार की रात चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल स्टूडेंट के साथ हुई गैंग रेप की घटना के खिलाफ रायसीना हिल्स और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के कुछ ही घंटों बाद इंडिया गेट से होते हुए रायसीना हिल्स की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस के गोलों और पानी के बौछारो का उपयोग किया। 

आरोपियों को कठोर सजा देने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे युवाओं के खिलाफ पुलिस ने आज लगातार दूसरे दिन बल प्रयोग के अलावा आंसू गैस के गोलों और पानी की बौछारों का उपयोग किया। 

उधर, डॉक्टरों का कहना है कि सफदरजंग अस्पताल मे भर्ती पीड़िता की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है उसकी एक और सर्जरी की जा रही है। 

सोनिया-राहुल से मुलाकात प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सोनिया और राहुल गांधी से भी मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया है कि न्याय जरूर मिलेगा। रायसीना हिल्स की ओर बढ़ने की कोशिश के दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पूर्वी दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित की कार घेर ली और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने साथ में मौजूद अधिकारियों की जीप में भी तोड़-फोड़ की। (पूरी खबर यहां पढ़ें...) 

प्रदर्शकारियों पर आंसू गैस-पानी की बौछार राजपथ पर लगे पुलिस बैरिकेड्स और प्रदर्शनकारियों द्वारा इंडिया गेट के आसपास की सड़कें बंद कर दिए जाने के कारण सेंट्रल दिल्ली आने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस बैरिकेड्स के बावजूद राजपथ में घुसने की कोशिश कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस ने दोपहर करीब एक बजे आंसू गैस के गोलों का प्रयोग किया। बाद में आसपास की सड़कों को खाली कराने की कोशिश के तहत प्रदर्शनकारियों को राजपथ में थोड़ा अंदर जाने की अनुमति दी गई। उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स को तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की जिसके बाद दोपहर करीब सवा एक बजे पुलिस ने एक बार फिर पानी की बौछारों का उपयोग किया। 

रात से डटे प्रदर्शनकारी रायसीना हिल्स और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने आज सुबह हटा दिया। गैंग रेप की घटना का विरोध कर रहे कुछ प्रदर्शनकारी शनिवार को दिन में प्रदर्शन के बाद रात में इन इलाकों में रूक गए थे। रायसीना हिल्स इलाके में प्रदर्शन कर रहे लोगों में ज्यादातर छात्र-छात्रायें शामिल हैं। इन लोगों ने कल दिन भर पुलिस से जूझने के बाद पूरी ठंडी रात खुले आसमान के नीचे गुजारी। पुलिस आज तड़के एक अभियान में प्रदर्शनकारियों को बस में बैठाकर ले गई। 

धारा 144 लागू सुबह करीब छह बजकर 30 मिनट पर पुलिस बसों में भरकर रायसीना हिल्स आई। घने कोहरे के बीच पुलिस ने इलाके में धारा 144 के तहत चार से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगाने की घोषणा करते हुए प्रदर्शनकारियों को बसों में भर दिया। रायसीना हिल्स में मौजूद 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घना कोहरा होने की वजह से अधिक प्रतिरोध नहीं कर सके। उन्होंने बस में नारेबाजी की। 

इंडिया गेट पर जमा प्रदर्शनकारियों को सुबह 9 बजे कहा गया कि इस क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है और वे वहां से चले जाएं। धारा 144 के तहत 4 या इससे ज्यादा लोगों को एक जगह इकट्ठे होने की अनुमति नहीं होती है। जब प्रदर्शनकारियों ने आदेश मानने से इनकार कर दिया तो पुलिस ने उन्हें वहां से जबरन हटा दिया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वैन से बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें वापस अंदर धकेल दिया। बाद में प्रदर्शनकारियों ने उन्हें लेकर जा रही बसों के टायरों की हवा निकाल दी और लड़कियों का समूह बसों के सामने लेट गया। महिला प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि पुरुष पुलिसकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की, जबकि घटनास्थल पर महिला पुलिसकर्मी मौजूद थीं। 

8 मेट्रो स्टेशन बंद प्रदर्शन को रोकने के लिए रायसीना हिल्स और राजपथ पर पथ अवरोधक लगे हुए हैं। इंडिया गेट और रायसीना हिल्स के पास के 8 मेट्रो स्टेशनों को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है। कल रात सिर्फ चार मेट्रो स्टेशनों- पटेल चौक, केन्द्रीय सचिवालय, उद्योग भवन और रेस कोर्स रोड़ को बंद करने का निर्णय लिया गया था लेकिन आज सुबह बाराखम्भा रोड, मंडी हाउस, प्रगति मैदान और खान मार्केट मेट्रो स्टेशनों को भी बंद कर दिया गया। 

केजरीवाल का प्रदर्शन इस बीच आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने इंडिया गेट के पास अशोक रोड स्थित हैदराबाद हाउस में धरना दिया। केजरीवाल ने कहा, 'लोगों का गुस्सा समझ में आ रहा है। सरकार की निष्क्रियता, उदासीनता और अहंकार बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। लेकिन मैं सबसे अपील करूंगा कि वे हिंसा न करें।' उन्होंने कहा कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ जब पूरी नई दिल्ली में धारा 144 लगाई गई हो। सरकार लोगों से डरी हुई है। सरकार लोगों के साथ युद्ध कर रही है। सरकार कैसे निहत्थे लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोक रही है? धारा 144 केवल लोकतंत्र को बचाने के लिए लिए इस्तेमाल की जानी चाहिए।उन्होंने बलात्कारियों के खिलाफ कड़ा कानून बनाने और फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का आह्वान किया। 

सफदरजंग अस्पताल के बाहर भी प्रदर्शन हुए। पीड़िता का इलाज इसी अस्पताल में चल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने अशोक रोड पर यातायात रोक कर दिया है और इंडिया गेट पर वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई हैं।

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