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लड़की को रेपिस्टों ने भी फेंका, सरकार ने भी : मलाला यूसुफजाई


नई दिल्ली। दिल्ली में गैंग रेप का शिकार हुई पीड़ित लड़की को सिंगापुर शिफ्ट करने के सरकार के फैसले पर पाकिस्तान की बहादुर लड़की मलाला यूसुफजाई ने भारत सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। मलाला ने भारत सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए उसकी तुलना रेपिस्टों से की है। 

तालिबानियों से लोहा लेने वाली पाकिस्तान की इस बहादुरी स्कूली लड़की ने ट्विटर पर लिखा है गैंग रेप की पीड़िता को सिंगापुर शिफ्ट किए जाने की कड़ी आलोचना की है। 15 वर्षीय मलाला ने ट्विटर पर लिखा, 'रेपिस्टों ने लड़की को सड़क पर फेंक दिया और भारत सरकार ने उसे सिंगापुर में। अंतर क्या है? ' 

गौरतलब है कि पीड़ित को सिंगापुर शिफ्ट करने के फैसले पर पहले ही काफी सवाल उठाए जा रहे हैं। दिल्ली के सफरदजंग अस्पताल, जहां लड़की का इलाज किया जा रहा था, वहां के डॉक्टर ने टीओआई को बताया कि लड़की को सिंगापुर भेजने का फैसला मेडिकल डिसिजन नहीं था बल्कि ऊपर (सरकार) से निर्देश आया था। उन्होंने बताया कि लड़की को सिंगापुर भेजने से करीब 22 घंटे पहले ही उसके ब्रेन डेमेज हो चुका था। ब्लड क्लॉट की वजह से लड़की का ब्रेन डेमेज हुआ, जिसके चलते उसे दो हार्ट अटैक भी आए थे। हालांकि उन्होंने बताया कि लड़की को हार्ट बीट डीसी शॉक देकर वापस लाई गई थी, लेकिन इस प्रोसेस के चलते उसके ब्रेन पर असर हुआ। इसके बाद न्यूरोलॉजिस्ट से भी कंसल्ट किया गया था। 

डॉक्टर ने बताया कि इस हालत में लड़की का कोई भी ट्रांसप्लांट कर पाना संभव नहीं था। सूत्रों ने यह भी बताया कि लड़की को सिंगापुर ले जाने के दौरान उसकी हार्ट बीट बनाए रखने के लिए उसे इनोटॉपिक ड्रग्स दी गईं।

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