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दामिनी की मौत पर जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन


नई दिल्ली। सिंगापुर में गैंग रेप पीड़ित युवती की मौत के बाद दिल्ली में पुलिस के पहरे के बीच सैकड़ों लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन लोगों ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। जंतर-मंतर पर सुबह 10 बजे से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। मृतक को श्रद्धांजलि देने के बाद सभी प्रदर्शनकारी शांति से बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने इंडिया गेट और रायसीना हिल्स पर जबर्दस्त सुरक्षा इंतजामात के खिलाफ नारेबाजी की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सरकार किसी के निधन पर शोक भी नहीं जताने दे रही है। यह संवेदनहीनता है। यह पूरी तरह नाकाबंदी है। मेट्रो स्टेशन तक बंद कर दिए गए हैं।

करीब सवा दो बजे दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी जंतर-मंतर पहुंच गई। लोगों ने जैसे ही शीला दीक्षित को देखा शांति से बैठे प्रदर्शनकारी उनकी तरफ बढ़े और घेरकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद शीला दीक्षित वापस लौट गईं। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि शीला राजनीतिक फायदे के लिए जंतर-मंतर पहुंची हैं।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कैंपस मुनिरका तक रैली निकाली। सैकड़ों छात्र मुनिरका में उस बस स्टॉप पर जमा हुए, जहां से रेप विक्टिम उस बस में चढ़ी थी। जेएनयू के छात्रों ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून में बदलवा की। इन छात्रों ने 31 दिसंबर को फिर जमा होने का आह्वान किया ताकि मामला ठंडा न पड़े।

इस बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से अपील की है कि प्रदर्शनकारियों को इंडिया गेट और उसके आसपास शांतिपूर्वक प्रदर्शन की इजाजत दी जाए। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री महसूस करती हैं कि इंडिया गेट और उसके आसपास शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अपने नजरिए के बारे में गृह मंत्री को बता दिया है।

जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और कुमार विश्वास भी प्रदर्शनकारियों के साथ धरने पर बैठे। उनके समर्थक मुंह पर काली पटटी बांधे हुए थे। केजरीवाल ने ट्वीट किया,'रेप विक्टिम की मौत हम सभी के लिए शर्म की बात है। आइए प्रण करें कि हम उसकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाने देंगे।' सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरन बेदी ने कहा कि हर पुलिसकर्मी को प्रार्थना करनी चाहिए और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने में सामूहिक विफलता के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए। केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या हम उस छात्रा की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं हैं ? क्या हम ऐसा कुछ कर सकते हैं कि देश की आधी आबादी हमारे बीच सुरक्षित महसूस कर सके?

नई दिल्ली छावनी में तब्दील, 10 मेट्रो स्टेशन बंद
इससे पहले पीड़ित युवती की मौत की खबर मिलते ही राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। नई दिल्ली में धारा-144 लगा दी गई है और विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए विजय चौक, इंडिया गेट और राजपथ पहुंचने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कमाल अतातुर्क मार्ग भी बंद कर दिया है। जनता को सलाह दी गई है कि वह इन मार्गों से होकर न गुजरे। नई दिल्ली इलाके के 10 मेट्रो स्टेशनों को भी अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। ये स्टेशन हैं- प्रगति मैदान, मंडी हाउस , बाराखंभा रोड, राजीव चौक, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन, रेसकोर्स रोड, जोरबाग और खान मार्केट। हालांकि, राजीव चौक और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशनों पर इंटरचेंज (रूट बदलने की सुविधा) की अनुमति है।

दिल्ली पुलिस ने जिन रास्तों को ब्लॉक किया है, उन पर सुरक्षा बलों का भारी जमावड़ा है। राजपथ पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है, क्योंकि यही रास्ता इंडिया गेट को रायसीना हिल्स से जोड़ता है। आज शनिवार है और अधिकांश ऑफिस बंद रहते हैं। पुलिस को आशंका है कि विरोध-प्रदर्शन के लिए लोग भारी संख्या में सड़कों पर निकल सकते हैं। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री निवास के आसपास भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस को आशंका है कि लोग गुस्से में वीवीआईपीज़ के घरों को निशाना बना सकते हैं।

इंडिया गेट के आसपास के इलाकों में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जिन स्टेशनों को बंद किया गया है, वे या तो इंडिया गेट या फिर रायसीना हिल्स के करीब हैं। इन्हीं दो जगहों पर पिछले सप्ताह उग्र प्रदर्शन हुआ था और पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। अधिकारी ने कहा कि मेट्रो स्टेशन बंद करने का फैसला दिल्ली पुलिस ने किया है। पुलिस प्रदर्शनकारियों को किसी भी कीमत पर इंडिया गेट पहुंचने से रोकना चाहती है। पिछले सप्ताह भी पुलिस ने ऐसा ही कदम उठाते हुए जोरबाग को छोड़ बाकी नौ मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए थे।

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