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बदलाव की यह आग जलती रहनी चाहिए


नई दिल्ली । गैंगरेप पीड़ित लड़की का इलाज करने वाले देश सिंगापुर ने रविवार को कहा कि वह अपने यहां रेप केस में मौत की सजा को खत्म करने वाली मांगों के खिलाफ इस मामले को एक नजीर की तरह पेश करेगा।  

सिंगापुर के कानून और विदेश मामलों के मंत्री के . शनमुगम ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि बहुत सारे लोग सहमत होंगे कि इस तरह के मामलों में जहां मौत की वजह बनने वाली चोटें पहुंचाई गई हों , वहां दोषियों को मौत की सजा ही देनी चाहिए। मैं दिल्ली गैंगरेप जैसे मामलों को हमेशा उन लोगों के सामने उदाहरण के तौर पर उल्लेख करूंगा , जो सिंगापुर में मौत की सजा खत्म करने की मांग करते हैं। 


दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषियों को जल्द से जल्द उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए उठ रही मांग के बीच दो महिला जजों ने ऐसे मामलों में तेज ट्रायल के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं। 

साक्ष्य कानूनों में हो सुधार 
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा ने ऐसे मामलों में कई स्तर पर बयान दर्ज करने की प्रक्रिया को छोटा करने के लिए एविडेंस एक्ट ( साक्ष्य कानूनों ) में संशोधन करने का सुझाव दिया है। जस्टिस मिश्रा के मुताबिक , महिलाओं के साथ ऐसे जघन्य अपराधों के मामले पुलिस के जुटाए सबूतों पर निर्भर करते हंै। पुलिस अगर आरोपी और पीडि़त पक्ष का बयान एक जुडिशल ऑफिसर के सामने लेती है तो दूसरी बार फिर से कोर्ट में बयान दर्ज करने की जरूरत क्यों है ? कोर्ट में दूसरी बार बयान दर्ज करने की वर्तमान प्रक्रिया से गवाहों को प्रभावित करने , उनके मुकरने और बहुत सारे मामलों में प्रमुख गवाहों की हत्या तक को बढ़ावा मिलता है। 

आरोपियों को जल्द मिलें वकील 
दिल्ली गैंगरेप केस की जांच कर रहे आयोग की अध्यक्ष जस्टिस उषा मेहरा के मुताबिक , बहुत से मामलों में वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से इनकार कर दिया। वकीलों को आरोपियों का केस लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। हालांकि , ट्रायल जज को अधिकार है कि वह आरोपियांे को शुरू से ही कानूनी सहायता मुहैया कराएं या अमीकस क्यूरी तैनात करे ताकि मामले में तेज सुनवाई हो। 

कांग्रेस का कड़े कानूनों का सुझाव 
यौन अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए कांगे्रस ने कड़े कानून पेश करने का फैसला किया है। कांग्रेस रेप मुजरिमों को 30 साल तक की कैद , 3 महीने के अंदर फैसला करने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना और रेप में दोषियों का केमिकल कैस्ट्रेशन ( रासायनिक तरीके से नपुंसक बनाना ) जैसे कानूनों पर विचार कर रही है। कांग्रेस इस प्रस्ताव से जुड़ा फाइनल बिल रेप कानूनों में संशोधन के लिए बनी जे . एस . वर्मा कमिटी के सामने रखेगी। सूत्रों का कहना है कि यह बिल अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। 

रेप पीड़ितों की जांच में हो बेहतरी 
अमेरिका के ह्यूमन राइट्स वॉच ने सुझाव दिया है कि भारत में रेप सेे जुड़े मामलों में पीडि़तों की सम्मानित ढंग से जांच और इलाज के लिए स्टैंडर्ड प्रोसिजर बने और उसे लागू किया जाए। संगठन ने रेप मामलों में ' फिंगर टेस्ट ' को खत्म करने की पैरवी भी की है। 

आंख खोलते गृह मंत्रालय के आंकड़े 
635 रेप के मामले दर्ज हुए इस साल दिल्ली में लेकिन सिर्फ 1 आरोपी को ही सजा 
754 आरोपियों को अरेस्ट किया गया इन मामलों में ( पिछले 5 साल में सर्वाधिक ) 
403 के खिलाफ चल रहा है ट्रायल 
348 के खिलाफ जांच लंबित

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