" "

भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत समर्थक

गैंगरेप पीड़ित लड़की के नाम पर क्या राजनीति कर रही हैं पार्टियां?

सत्ताधारी पार्टी के बाद अब मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली और सुषमा स्वराज शोक में डूबे परिवार के घर गए। सवाल ये उठता है कि आखिर ये उस परिवार की निजता में खलल नहीं है?

मालूम हो कि इससे पहले रविवार को लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार भी पीड़ित परिवार के घर शोक जताने गई थीं। ऐसे में प्रश्न ये खड़ा हो जाता है कि क्या राजनीतिक पार्टियों द्वारा शोक जताने भर से इस समस्या का हल हो जाएगा या फिर देश को दूसरे उपायों की जरूरत है ताकि देश की बेटियां महफूज रहें। उन्हें इंसाफ मिल सके। समाज उन्हें इज्जत की नजरों से देखे।

जानकारों के मुताबिक ये सिवाय राजनीति के कुछ भी नही हैं। अपनी राजनीति को चमकाने के लिए राजनीतिक नेता मृतक लड़की के घर जा रहे हैं। इस हालात में जब देश की बेटी नहीं बची, परिवार यही चाहता होगा कि उसको कुछ दिन तक सुकून से रहने दिया जाए। लेकिन लगातार जिस तरह से नेता पीड़िता से मिलने जा रहे हैं, उससे उनका दुख बढ़ रहा है। जो लोग लड़की और उसके परिवार के बारे में नहीं जानते थे उनको भी इनके जाने से इसकी जानकारी हो जाएगी।

बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि सरकार कानून में बदलाव करने की सोच रही है जो स्वागत योग है। इस मसले को बीजेपी ने संसद के दोनों सदन में उठाया था। जहां तक बात रही प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा हैंडल करने की तो पुलिस को इस मामले में बताना चाहिए।
" "