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गैंगरेप पर मचे घमासान पर पी चिदंबरम की सफाई


दिल्ली गैंगरेप को लेकर उठे बवंडर के बाद सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर होने का दावा कर रही है. वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि देश की राजधानी में ऐसा होना सबके लिए चिंता का विषय है.

गैंगरेप के मसले पर पी चिदंबरम ने कहा है कि इस तरह के प्रदर्शनों से कई सबक लेने की जरूरत हैं. इस मसले पर एक जांच आयोग का ऐलान कर दिया गया है. यह आयोग दिल्ली गैंग रेप मामले की जांच कर 3 महीने में अपनी रिपार्ट देगा. इसके साथ ही आयोग दिल्ली एनसीआर में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देगा.

चिदंबरम ने पीड़ित के परिजनों के प्रति सहानुभूति जताई और कहा कि मेरी कामना है कि पीड़िता के जल्द से जल्द ठीक हो जाए. उन्होंने सभी से पीड़ित लड़की के लिए दुआ की अपील की. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए आने वाले सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा. ताकि दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं बल्कि देश के सभी राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाया जा सके.

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है. चिदंबरम ने प्रदर्शन के दौरान कांस्टेबल की की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा कि हमने एक सरकारी कर्मी खोया.

कांस्टेबल मामले में गिरफ्तार छात्रों को जमानत मिली
कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए आठ छात्रों को जमानत मिल गई है. इनमें से सभी को जमानत तो सोमवारको ही मिल गई थी, लेकिन चार का श्योरिटी बॉन्ड जमा नहीं हुआ था. ये चारों आज पटियाला हाउस कोर्ट में हाजिर हुए जहां कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद तकनीकी तौर पर उन्हे भी जमानत मिल गई. इस बीच पुलिस कांस्टेबल की मौत हो जाने के बाद तिलक मार्ग थाने में 307 के केस को 302 यानी हत्या के केस में बदल दिया था.

उधर दिल्ली के चीफ सेक्रेट्री ने कहा है कि पुलिस को अधिकारियों पर टिप्पणी का हक नहीं है. वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सुभाष तोमर के शरीर पर चोट के निशान थे. हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर्फ मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा. इस बीच मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पत्र के बाद गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पुलिस की भूमिका और इस नए विवाद पर जांच के आदेश दिए हैं.

पीड़ित लड़की के बयान को दर्ज करने के मामले पर एसडीएम ने दिल्ली पुलिस के आला अफसरों के खिलाफ अपने डिप्टी कमिश्नर को चिट्ठी लिखी थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि इन अफसरों ने पीड़ित का बयान बदलवाने के लिए दबाव दिया. शीला दीक्षित ने इस बारे में गृह मंत्री को पत्र लिखा था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था और कहा था कि एसडीएम पहले भी बेवजह दिल्ली पुलिस पर बेवजह आरोप लगाती रही हैं. इसके बाद गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
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